- महाराष्ट्र के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में कल सुबह 10:30 बजे सुनवाई होगी
- जयपुर जाने की बजाए मुंबई के होटल में ही रहेंगे कांग्रेस के विधायक
- सोनिया गांधी ने खुद मोर्चा संभाला, वे सीधे अहमद पटेल से संपर्क में
नई दिल्ली. महाराष्ट्र में सरकार गठन और बहुमत साबित करने को लेकर चल रही सियासी महाभारत पर रविवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई बहस से कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी उत्साहित है। तीनों दल विधानसभा में जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट कराने की मांग को न्यायिक आधार देना चाहते हैं। इसलिए तीनों दलों ने अपने और सभी समर्थक निर्दलीय विधायकों के दस्तखत किए शपथ-पत्र सोमवार सुबह साढ़े दस बजे सुप्रीम कोर्ट में पेश करने का फैसला किया है।
अदालती लड़ाई की अगुआई कर रही कपिल सिब्बल और डॉ अभिषेक मनु सिंघवी की टीम ने शपथ-पत्र जुटाने का फैसला किया है। टीम से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, 150 से अधिक विधायकों के शपथ-पत्र दाखिल करने से उनका जल्द फ्लोर टेस्ट कराने का दावा पुख्ता होगा, साथ ही अदालत को भी याचिका पर आदेश देने में तकनीकी अड़चन नहीं आएगी।
मुंबई में तीनों दलों और निर्दलीय विधायकों के समर्थन संबंधी शपथ-पत्रों पर दस्तखत कराने का काम रविवार को ही शुरू कर दिया गया। सभी शपथ-पत्र रविवार रात तक दिल्ली पहुंच जाएंगे। ये पहला मौका होगा, जब किसी राज्य में बहुमत साबित करने से जुड़े विवाद में पिटीशनर्स की तरफ से विधायकों के शपथ-पत्र सुप्रीम कोर्ट में पेश किए जाएंगे।
रविवार की सुनवाई में भी अजित पवार और भाजपा के दावों को गलत साबित करने के लिए कांग्रेस के वकीलों ने राकांपा के 41 विधायकों का समर्थन पत्र सुप्रीम कोर्ट में पेश किया था। इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी राजनीतिक सचिव अहमद पटेल, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी मल्लिकार्जुन खड़गे से लगातार संपर्क में हैं।
महाराष्ट्र का गणित : विपक्षी दलों के पास 160 से ज्यादा विधायकों का आंकड़ा
महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के 56, राकांपा के 54 और कांग्रेस के 44 विधायकों के अलावा करीब 12 निर्दलीय विधायकों के समर्थन का दावा शिवसेना की अगुआई वाले गठबंधन द्वारा किया जा रहा है। राकांपा के 54 में से 50 विधायकों के शरद पवार खेमे में लौट आने की बात पहले ही सामने आ चुकी है।
बहुमत का आंकड़ा 145 का है। ऐसे में तीनों दल सुप्रीम कोर्ट के समक्ष समर्थक विधायकों के शपथपत्र दाखिल करवा कर अगले 24 से 48 घंटे में ही फ्लोर टेस्ट कराए जाने की उम्मीद के साथ तैयारियों में जुटे हैं।
मुंबई में ही रहेंगे कांग्रेस-राकांपा के विधायक
जल्द फ्लोर टेस्ट की संभावना को देखते हुए कांग्रेस और राकांपा ने अपने विधायकों को मुंबई में ही रखने का फैसला किया है। पहले खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए जयपुर भेजने की थी।