- बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम रहे सुशील कुमार मोदी का 13 मई को निधन हो गया। सुशील कुमार मोदी बिहार के वरिष्ठ बीजेपी नेताओं में से एक थे।
- वह 72 वर्ष के थे और कैंसर से पीड़ित थे। बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने X पर पोस्ट करके उनके निधन की जानकारी दी, साथ ही दुख भी जताया।
- उन्होंने लिखा, ‘बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी जी के निधन पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि. यह बिहार भाजपा के लिए अपूरणीय क्षति है’
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और पूर्व राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी निधन हो गया है. 72 साल के मोदी कैंसर से जूझ रहे थे. पिछले महीने उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर जानकारी दी थी कि वे पिछले 6 महीने से कैंसर से जूझ रहे हैं. 3 अप्रैल को उन्होंने एक्स पर लिखा था कि अब लोगों को बताने (बीमारी के बारे में) का समय आ गया है. सुशील मोदी करीब 11 साल बिहार के डिप्टी सीएम रहे. दिसंबर 2020 में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें राज्यसभा के लिए चुना था…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुशील मोदी के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सुशील मोदी के साथ एक पुरानी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा,
“पार्टी में अपने मूल्यवान सहयोगी और दशकों से मेरे मित्र रहे सुशील मोदी जी के असामयिक निधन से अत्यंत दुख हुआ है. बिहार में भाजपा के उत्थान और उसकी सफलताओं के पीछे उनका अमूल्य योगदान रहा है. आपातकाल का पुरजोर विरोध करते हुए, उन्होंने छात्र राजनीति से अपनी एक अलग पहचान बनाई थी. वे बेहद मेहनती और मिलनसार विधायक के रूप में जाने जाते थे. राजनीति से जुड़े विषयों को लेकर उनकी समझ बहुत गहरी थी. उन्होंने एक प्रशासक के तौर पर भी काफी सराहनीय कार्य किए. जीएसटी पारित होने में उनकी सक्रिय भूमिका सदैव स्मरणीय रहेगी. शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं. ओम शांति!”
छात्र राजनीति से डिप्टी सीएम तक
सुशील मोदी ने अपना राजनीतिक करियर पटना यूनिवर्सिटी से छात्र नेता के रूप में शुरू किया था. उसके बाद 1973 में वो वहां छात्रसंघ महासचिव बने. उन्होंने 1974 में बिहार छात्र आंदोलन का नेतृत्व किया था. जेपी आंदोलन और आपातकाल के दौरान उन्हें पांच बार गिरफ्तार किया गया.
सुशील मोदी लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और विधान परिषद चारों सदनों के सदस्य रह चुके हैं.
हालांकि इस साल उन्हें BJP ने राज्यसभा नहीं भेजा. उन्होंने 2004 के लोकसभा चुनाव में भागलपुर से जीत हासिल की थी, लेकिन बिहार में नीतीश के साथ सरकार बनाने के बाद उन्होंने सांसद का पद छोड़ दिया था. इसके बाद वो 2005 से 2013 तक बिहार सरकार में लगातार उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री बने रहे.
जून 2013 में जब नीतीश कुमार आरजेडी के साथ चले गए तो सुशील मोदी विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष बने. इसके बाद 2017 में जब नीतीश कुमार ने एनडीए में वापसी की तो उन्हें एक बार फिर राज्य का डिप्टी सीएम बनाया गया था.