स्किन टू स्किन कॉन्टेक्ट के बिना छेड़छाड़ POCSO एक्ट में नहीं आता ? SC सुनाएगा अहम फैसला…

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने यौन उत्पीड़न के एक आरोपी को यह कहते हुए बरी कर दिया गया था कि नाबालिग के निजी अंगों को स्किन टू स्किन संपर्क के बिना टटोलना POCSO act के तहत नहीं आता. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में उठाया था.

स्किन टू स्किन कॉन्टेक्ट के बिना POCSO act लागू होगा या नहीं, इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को अहम फैसला सुनाएगा. जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस एस रविंद्र भट्ट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने इस मामले में सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद 30 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. 

दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने यौन उत्पीड़न के एक आरोपी को यह कहते हुए बरी कर दिया गया था कि नाबालिग के निजी अंगों को स्किन टू स्किन संपर्क के बिना टटोलना POCSO act के तहत नहीं आता. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में उठाया था. 

सजा देना मुश्किल होगा- अटॉर्नी जनरल इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से याचिका दायर करने के लिए कहा था. फिर इस याचिका का समर्थन करते हुए महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग, महाराष्ट्र सरकार सहित कई अन्य पक्षकारों की ओर से दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई हुई. 30 सितंबर को मामले की सुनवाई पूरी हो गई थी. 

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