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स्वास्थ्य मंत्रालय: ठीक होने की दर 41.61% पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल से बरतें सावधानी

देश में कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने बताया कि प्रत्येक लॉकडाउन के साथ हमारे देश में संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों का प्रतिशत बढ़ता चला गया है। लव अग्रवाल ने कहा कि दुनिया के अन्य देशों की तुलना में हमारे यहां संक्रमण के मामले काफी कम रहे। इसके अलावा मृत्यु दर के मामले में भी हम ज्यादा बेहतर स्थिति में हैं। हम उचित मात्रा में टेस्टिंग करने में जुटे हुए हैं। लव अग्रवाल ने बताया कि कोविड19 से अब तक 60,490 मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं।मार्च में 7.1 फीसदी रिकवरी रेट था, जो अब बढ़कर 41.61 प्रतिशत हो चुका है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में आईसीएमआर के महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव भी पहुंचे।

कोरोना वायरस से लड़ने में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा का सेवन करने को कहा गया है। मगर इसके सेवन से कुछ लोगों को चक्कर व उल्टी आने की दिक्कत हो रही है। 
इस संंबंध में आईसीएमआर ने बताया कि खाली पेट दवा लेने की वजह से ऐसी समस्या आ रही है। इसलिए हमेशा कुछ खाने के बाद ही इस दवा को लिया जाए। हालांकि केपीपीई का इस्तेमाल हमें करते रहना होगा। उसमें हमें कोई राहत नहीं है। 

ठीक होने की दर 41.61%

जब पहला लॉकडाउन लगाया था तब ठीक होने की दर 7 प्रतिशत के आसपास थी। 
दूसरे लॉकडाउन में यह बढ़कर 11.24 फीसदी और तीसरे लॉकडाउन में यह बढ़कर 26.59 फीसदी हो गया। मौजूदा समय में मरीजों के ठीक होने की दर 41.61 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। 
दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले हमारे देश में स्थिति काफी बेहतर है।दुनिया में अब तक मौत की दर प्रति लाख आबादी में 4.4 रही जबकि देश में प्रति लाख आबादी में 0.3 लोगों की मौत हुई। 

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