ग्लोकल यूनिवर्सिटी में हिंदी दिवस पर मेधावी छात्रों को किया गया सम्मानित…..

ग्लोकल विश्वविद्यालय में हिंदी दिवस पर पुरुस्कृत छात्रों के चेहरे खिले

ग्लोकल विश्वविद्यालय में
हर्षोल्लास से मनाया गया हिंदी दिवस

हिंदी दिवस पर ग्लोकल विश्वविद्यालय में सम्मानित किए गए मेघावी बच्चे

हिंदी दिवस पर में’कब्रिस्तान की ओपनिंग’ नामक नाटक देख दर्शक हुए मंत्रमुग्ध

हिंदी दिवस पर ग्लोकल यूनिवर्सिटी में ‘कब्रिस्तान की ओपनिंग’ नामक नाटक का मंचन

प्रयोग के स्तर पर यह विश्व की प्रथम भाषा घोषित होने वाली है।

सहारनपुर के ग्लोक़्ल विश्वविद्यालय , , ग्लोकल विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय हिंदी दिवस समारोह बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। समस्त कार्यक्रम के प्रेरणा स्रोत माननीय कुलपति प्रोफेसर पी0 के0 भारती और संयोजक डीन अकैडमी प्रोफेसर प्रमोद कुमार तथा सह-संयोजक हिंदी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शोभा त्रिपाठी रही ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आई0 आई0 टी0 रुड़की के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर विशाल कुमार तथा मुख्य वक्ता हिंदी साहित्य भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ0 अनिल कुमार उपस्थित ने विश्व पटल पर एवं तकनीक की क्षेत्र में हिंदी की स्थिति और भूमिका विषय पर अपना व्याख्यान दिया। विषय प्रवर्तन करते हुए डॉक्टर शोभा त्रिपाठी ने कहा हिंदी का अधिकाधिक प्रयोग ही उसे विश्व स्तर पर स्थापित करने में महती भूमिका निभा सकता है। मुख्य वक्ता प्रोफेसर अनिल कुमार ने बताया कि आज हिंदी भारत के अतिरिक्त अनेक देशों में बोली जाती है । योग और रामचरित मानस के माध्यम से हिंदी का बहुत प्रचार हो रहा है तथा प्रयोग के स्तर पर यह विश्व की प्रथम भाषा घोषित होने वाली है।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर विशाल कुमार ने तकनीकी क्षेत्र में देवनागरी और हिंदी को विकसित करने की दिशा में क्या प्रयास हो रहे हैं? संस्कृत कंप्यूटर की सबसे नज़दीकी भाषा है। इस विषय पर चर्चा की और बताया आधुनिक प्रणाली में तकनीक इस विषय पर विशेष ध्यान दे रही है कि हिंदी का अधिक से अधिकप्रयोग हो सके और आई0आई0 टी0  संस्थान निरंतर ऐसे शोध कर रहा है जिससे हिंदी भाषी छात्रों को तकनीकी क्षेत्र में भाषा के कारण किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी। पूर्व में भारत मे हिंदी का ही मज़ाक बनाया गया।हम यहाँ से अंग्रेजी पढ़कर जाते हैं फिर शोध करने के लिए संस्कृत पढ़ते हैं।भारत पंद्रह सौ साल पहले से विज्ञान में सर्वश्रेष्ठ है।
कार्यक्रम का प्रारंभ अलका और सोनिका के सरस्वती वंदना नृत्य से हुआ। उप कुलपति प्रोफेसर सतीश शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया। उप कुलपति प्रोफेसर पंकज मिश्रा ने अपने विचार रखते हुए हिंदी भाषा की यात्रा पर अपना सारगर्भित वक्तव्य दिया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय में हो रही पाठ्येतर गतिविधियों में विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत भी किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वित्त अधिकारी श्री ए0 पी0 सिंह ने सरस काव्य पाठ किया।   कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण छात्रों द्वारा प्रस्तुत व्यंग्य नाटक ‘कब्रिस्तान की ओपनिंग’ रहा । नाटक का लेखन और निर्देशन डॉ. शोभा त्रिपाठी ने किया । जिसमें सौरभ कुमार , आनंद कुमार ताबिश हसनैन व चिराग ने मुख्य भूमिका अदा की। सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर प्रमोद कुमार जी ने किया। उन्होंने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि सम्मानित अतिथियों के आगमन से हमारा विश्वविद्यालय अनुग्रहित हुआ और आज हमें अनेक प्रकार की जानकारियां मिली यद्यपि कोस कोस पर बनी बदलता है पर हर एक वाणी हिंदी ही है अतः इसका विशेष महत्व है।
कार्यक्रम में उपर्युक्त गणमान्य व्यक्तियों के अतिरिक्त कैंपस डायरेक्टर एस० पी० पाण्डे, चीफ प्रॉक्टर जमीरूल इस्लाम, डॉ० रेशमा ताहिर, डॉ० वसीम, डॉ० गुलफिशन, प्रोफेसर संजय कुमार आदि सभी अधिकारीगण , शिक्षकगण व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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