महाराष्ट्र के ठाणे में सोमवार सुबह ऑफिस टाइम में दो लोकल ट्रेनों से गिरकर चार यात्रियों की मौत हो गई और नौ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. यह हादसा मुंब्रा रेलवे स्टेशन के पास उस वक्त हुआ, जब दो लोकल ट्रेनें एक तीखे मोड़ पर आमने-सामने से गुजर रही थीं. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
रेलवे और पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, यह हादसा उस समय हुआ जब कासारा और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) की ओर जा रही लोकल ट्रेनों के फुटबोर्ड पर लटके यात्री एक-दूसरे से टकरा गए. भीड़ की वजह से यात्रियों के बैग आपस में टकराए, जिससे कई लोग संतुलन खोकर नीचे गिर गए.
कासारा की ओर जा रही ट्रेन के गार्ड ने हादसे की सूचना तुरंत रेलवे को दी. घायलों को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां चार को मृत घोषित कर दिया गया. मृतकों की पहचान केतन सरोज, राहुल गुप्ता, मयूर शाह और ठाणे GRP के कांस्टेबल विक्की मुख्याड़ के रूप में हुई है. हादसे के बाद रेलवे मंत्रालय ने मुंबई लोकल ट्रेनों में स्वचालित दरवाजे लगाने का निर्णय लिया है.
रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (सूचना और प्रचार) दिलीप कुमार ने बताया कि भविष्य में बनने वाली सभी लोकल ट्रेनों में यह सुविधा अनिवार्य की जाएगी और वर्तमान में चल रही ट्रेनों को भी दोबारा डिजाइन कर दरवाजे लगाए जाएंगे. रेलवे के CPRO स्वप्निल नील ने कहा कि सुरक्षा रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता है और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि हादसे की जांच हाई-पावर रेलवे समिति करेगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी. अजित पवार ने भीड़भाड़ और सुरक्षा को लेकर गंभीरता से सोचने की बात कही. राहुल गांधी ने हादसे को लेकर मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा, रेलवे आज असुरक्षा और अव्यवस्था का प्रतीक बन चुका है.
वहीं, शरद पवार ने कहा, अब यात्रियों को दोष देना बंद करें और सुरक्षा के ठोस उपाय करें. प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना UBT) ने इसे “हत्या” करार देते हुए रेल मंत्री को घेरा. वरषा गायकवाड़ (मुंबई कांग्रेस) ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफे की मांग की. राज ठाकरे (MNS) ने कहा कि मुंबई का रेलवे सिस्टम प्रवासियों की भीड़ से चरमरा गया है.