पैगंबर ए इस्लाम हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहि व आलेही वसल्लम की बेटी हजरत फातिमा जहरा के शहादत के उपलक्ष में इन दिनों सारी दुनिया में अय्याम ए फातिमा जहरा का आयोजन किया जाता है। इस सिलसिले की पहली मजलिस को मंगलौर से आए हुए मौलाना जाने आलम साहब और दूसरी मजलिस को जौली से आए हुए मौलाना आरिफ ज़ैदी ने खिताब फरमाया और पैगंबर अकरम की शहादत के बाद रसूल की प्यारी बेटी पर उम्मतियों द्वारा किए गए जुल्म की दास्तान को बयां किया जिसको सुनकर वहां मौजूद अजा़दार सिर पीट कर रोने लगे, मजलिस में मुख्य रूप से इरतज़ा तुर्क असगर मेहंदी काजमी, सैयद फैज आदिल, सैयद मुमताज आदिल, मुनिस काजमी, सैयद यावर काजमी, डॉक्टर चांद काजमी, लकी काजमी, मोहम्मद आलम काजमी,ताबिश काज़मी,मोहम्मद आजम काजमी, कुमैल काजमी, काशिफ काजमी, कामिल काजमी ,जमीर अली ,मीसम अली श्फाअत अली,किशवर जैदी, अनवर ज़ैदी ज़ैनुल ज़ैदी,आसिम काजमी,वसीम काजमी, फहीम काजमी आदि सैकड़ो सोगवार मौजूद रहे।
इस सिलसिले की तीसरी और आखिरी मजलिस को लखनऊ से आए हुए मौलाना मासूम आबदी साहब ख़िताब फरमाएंगे।
पुरकाजी के छोटा दरबार स्थित छोटा इमामबाड़ा में हर साल की तरह इस साल भी 3 दिसंबर 2024 से अय्याम ए फातिमा जहरा की मजलिसों का सिलसिला जारी है
