वामपंथी दल APMC कानून को लेकर भ्रमजाल फैला रहे – संबित पात्रा..

दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 28वें दिन भी जारी है। नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसानों के बीच बना गतिरोध अभी दूर होता नहीं दिख रहा है। तीनों कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। वहीं सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होगा, लेकिन संशोधन संभव है। ज्ञात हो कि केन्द्र सरकार सितंबर में पारित किए तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे। 

भारतीय किसान यूनियन के नेता हरिंदर सिंह लखोवाल ने यह ऐलान किया था कि 23 तारीख को हम एक टाइम का खाना नहीं खाएंगे। 26 और 27 तारीख को दूतावासों के बाहर हमारे लोग प्रदर्शन करेंगे। 27 तारीख को प्रधानमंत्री ने जो मन की बात का कार्यक्रम रखा है उसका हम थालियां बजाकर विरोध करेंगे।

भाजपा नेता संबित पात्रा ने कहा कि केरल के मुख्यमंत्री पीनराई विजयन इस विषय को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की कोशिश कर रहे थे। मगर उनको बताना चाहिए कि आखिर क्यों केरल में APMC का कानून नहीं है। आप वामपंथियों का दोगलापन देखिए। ये पूरे हिंदुस्तान में APMC कानून को लेकर भ्रमजाल फैला रहे हैं। 

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