महाराष्ट्र में चुनावी वादों के लिए आवश्यक फंड की कमी के कारण कई योजनाओं का पैसा रुका हुआ है। राज्य सरकार ने विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के लिए बजट की घोषणा तो की थी, लेकिन वित्तीय संकट और कम पड़ते फंड के कारण इन योजनाओं के लिए आवंटित पैसे का वितरण नहीं हो पा रहा है। इससे कई योजनाओं के क्रियान्वयन में देरी हो रही है, और लोगों को लाभ मिलने में कठिनाई हो रही है।
इस स्थिति का असर खासकर उन योजनाओं पर पड़ रहा है जो चुनावी वादों के तहत शुरू की गई थीं, जैसे कि किसानों के लिए ऋण माफी, सरकारी योजनाओं का विस्तार, और अन्य सामाजिक कल्याण योजनाएं। ऐसे में विपक्ष भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर सवाल उठा रहा है और दावा कर रहा है कि चुनावी वादों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार की प्राथमिकताएं और वित्तीय प्रबंधन सही नहीं हैं।