गंगा समग्र की बैठक में कई मुद्दों पर हुई चर्चा जानिए विस्तार से….

साहेबगंज:-अविरल गंगा निर्मल गंगा हेतु आह्वान साहिबगंज जिला में गंगा समग्र के प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक हुई जिसमें अखिल भारतीय संगठन मंत्री रामाशीष एवं अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री रामाशंकर उपस्थित थे।गंगा गीत के पश्चात दीप प्रज्वलित कर एवं बैठक मंत्र के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।सभी अतिथियों को अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया।मंच का संचालन डॉ सुरेंद्र नाथ तिवारी ने किया।बैठक को संबोधित करते हुए संगठन मंत्री रामाशीष ने कहा की गंगा समग्र का ध्येय वाक्य है “अविरल गंगा,निर्मल गंगा” जिसके लिए हम सभी समर्पित हैं,परंतु मानवीय गतिविधियों के कारण गंगा निरंतर प्रदूषित होती जा रही है।वृक्षो की कटाई,गंगा के किनारे खेती, शहरीकरण,औद्योगिकरण एवं आर्थिक व्यावसायिक गतिविधियों से मिट्टी एवं अवशिष्ट पदार्थ नदियों में निरंतर प्रवाहित होते रहते हैं जिससे नदी के तल व आसपास की भूमि की जलग्रहण क्षमता समाप्त हो जाती है और भूमि के अंदर जल धारण नहीं हो पाता है इस कारण से भी जलस्तर बढ़ता है।नदियों में बहाये जा रहे नाइट्रोजन एवं फास्फोरस के कारण जलकुंभी व शैवाल जैसे जलीय पौधे की अधिकता हो जाती है और पानी हरा दिखाई देने लगता है।बांध एवं बराज के कारण गंगा की जलधारा अवरुद्ध होती है।गंगा की अविरलता एवं निर्मलता को बनाए रखने के लिए हमें अनेक आयामों पर काम करने की आवश्यकता है।बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक बिगेंद्र कुमार,विभाग कार्यवाह राजकुमार सिंह,विभाग प्रचार प्रमुख राजीव कुमार,प्रमोद कुमार,डॉक्टर ममता विद्यार्थी,ज्योति मिश्र,एडवोकेट ज्योति कुमारी,भाजपा के सुनील सिंह,धर्मेंद्र कुमार ठाकुर,जिला संयोजक रमेश कुमार,नगर संयोजक महेश तिवारी,रंजन पासवान,अधिवक्ता संजय मिश्रा,स्वयंसेवी संस्था के अमृता कुमारी,अन्नपूर्णा कुमारी,श्वेता मिश्रा,जय प्रकाश सिन्हा,जितेंद्र कुमार सिंह,कुमार दीपांशु,विकास कुमार,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ साहिबगंज विभाग संघ चालक विजय कुमार अखिल भारतीय संगठन प्रमुख रमाशंकर सिन्हा गंगा समग्र के प्रांत संयोजक डॉ देवव्रत आदि बड़ी संख्या में गंगा के प्रति श्रध्दा भाव रखने वाले सम्मानित लोग उपस्थित थे।

इन बातों पर हुई चर्चा।

1.घाटों पर पर्व उत्सव एवं प्रमुख तीज त्यौहार मेला,विसर्जन, शवदाह इत्यादि कार्यक्रमों में समाज की सहायता से विभिन्न प्रकार की स्वच्छता संबंधी व्यवस्था।
2.तालाब एवं सरोवर इत्यादि संख्या वृद्धि एवं स्वच्छता कार्य करना।
3.गंगा में आकर मिलने वाली सहायक नदियों की स्वच्छता का ध्यान रखना।
4.गंगा नदी के किनारे दोनों तरफ पांच किलोमीटर की सीमा में सघन वृक्षारोपण करना।
5.नदी की स्वच्छता वृक्षारोपण एवं घाट के निर्माण में अड़चन आने पर विधिक सहायता द्वारा न्यायालयों से संरक्षण सुनिश्चित कराना।
6.गंगा नदी के कारण जिनकी आजीविका चलती है यथा घाट पुरोहित,पंडा,केवट,मल्लाह, शमशान का कार्य करने वाले एवं अन्य व्यवसायियों का सहयोग भी गंगा की स्वच्छता में लिया जाना।
7.धर्माचार्यों,कथावाचकों, सामाजिक संस्था,प्रबुद्ध एवं प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क कर सहयोग प्राप्त करना।
8.जल निकास प्रमुख, सीवर ट्रीटमेंट प्लांट एवं जल निकासी वं नाले जो अब तक सीधे गंगा में प्रवाहित हो रहे हैं उन्हें समाज के सहयोग से शासन पर दबाव बनाकर बंद कराना।
9.शिक्षण संस्थानों विद्यालय महाविद्यालय इत्यादि स्थानों पर व्याख्यान का आयोजन कराकर गंगा के प्रति श्रद्धा उत्पन्न कराना।
10.घाटों पर मेला आदि के अवसर पर स्वास्थ्य शिविर लगाना।
11.गंगा नदी के दोनों तरफ 5 किलोमीटर की सीमा में आने वाले गांवों में रासायनिक खाद एवं कीटनाशक का प्रयोग बंद कराना।
12.आरती गंगा नदी के प्रति श्रध्दा जागरण का सबसे सशक्त माध्यम है इसका एक निश्चित दिन तिथि समय स्थान का निर्धारण करना एवं एवं इस निमित्त व्यवस्था करना।
13.अपने किए गए कार्यों को मीडिया एवं समाचार पत्रों में सही-सही प्रकाशित कराना।
14.उपरोक्त सभी कार्यक्रमों में मातृशक्ति का भी पूर्ण सहयोग मिले इसलिए मातृशक्ति को जोड़ते हुए एक अलग आयाम बनाना।
15.गंगा समग्र के कार्य में युवा ऊर्जा का सदुपयोग हो इसके लिए युवाओं का एक दल स्थान स्थान पर गठित करना।

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