
मऊ ज़िले की घोसी लोकसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी के सांसद अतुल राय पर रेप का आरोप लगाने वाली लड़की की मंगलवार को इलाज के दौरान मौत हो गई.
16 अगस्त को पीड़ित लड़की और उनके मित्र सत्यम राय ने सुप्रीम कोर्ट के सामने ख़ुद को आग के हवाले कर दिया था. इलाज के दौरान 21 अगस्त को सत्यम की और 24 अगस्त को पीड़ित लड़की की मौत हो गई. आत्मदाह करने से पहले दोनों ने सोशल मीडिया पर लाइव करते हुए अपनी पीड़ा लोगों से साझा की थी.
पीड़ित लड़की के ख़िलाफ़ सांसद अतुल राय के भाई ने वाराणसी के कैंट थाने में धोखाधड़ी का मुक़दमा दर्ज कराया था. लड़की के ख़िलाफ़ वाराणसी की ज़िला अदालत से ग़ैर-ज़मानती वारंट जारी हुआ था. दो अगस्त को अदालत ने यह आदेश वाराणसी कमिश्नरेट की कैंट पुलिस की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद दिया था.
बलिया की रहने वाली पीड़ित लड़की वाराणसी के यूपी कॉलेज की छात्रा रह चुकी थी. लड़की ने एक मई, 2019 को वाराणसी के लंका थाने में दुष्कर्म का मुक़दमा दर्ज कराया था. लड़की का आरोप था कि सांसद अतुल राय ने सात मार्च, 2018 को उसे वाराणसी के लंका स्थित अपने फ़्लैट में अपनी पत्नी से मिलाने के लिए बुलाया था और उसके साथ दुष्कर्म किया था.
इस मामले में सांसद अतुल राय, चुनाव जीतने के बाद से ही प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में है. सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद वह सांसद पद की शपथ ले पाए थे.
क्या थे पीड़िता और उसके दोस्त के आरोप?
सोशल मीडिया पर लाइव वीडियो बनाते समय दोनों ने आरोप लगाया था कि सांसद अतुल राय के इशारे पर वाराणसी के पूर्व एसएसपी अमित पाठक, पूर्व एडीजी अमिताभ ठाकुर समेत कुछ जज भी उनके पीछे पड़े हुए हैं. दोनों का आरोप था कि सभी की मिलीभगत से दोनों पर फ़र्ज़ी मुक़दमे दर्ज हो रहे हैं. दोनों का यह भी आरोप था कि उत्तर प्रदेश में पुलिस और अदालत के साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय से भी उन्हें मदद नहीं मिल पाई.
वीडियो में पीड़ित के दोस्त ने कहा था, “हम लोगों ने पैसों का प्रलोभन छोड़कर भूखे-प्यासे रहकर अतुल राय के ख़िलाफ़ क़ानूनी लड़ाई जारी रखी थी ताकि क़ानून और पुलिस व्यवस्था में लोगों का भरोसा बढ़े. अब हम लोग एक नेक्सस में फँस गए हैं. हम लोगों के पास भी अगर राजनीतिक आश्रय होता तो शायद हमें इस क़दर परेशान नहीं होना पड़ता.”
पुलिस अब क्या कर रही है?
सोशल मीडिया पर लाइव करने के बाद दोनों ने ख़ुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली थी जिसमें दोनों बुरी तरह से जल गए थे. इस घटना के बाद वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने कैंट थाना प्रभारी राकेश सिंह और विवेचक गिरिजा शंकर को निलंबित कर दिया था.
इसके अलावा पीड़ित लड़की और इस मामले में एकमात्र गवाह उसके मित्र के आत्मदाह प्रकरण की जाँच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने दो सदस्यीय जाँच समिति का गठन किया है. जाँच समिति में पुलिस महानिदेशक डॉक्टर आरके विश्वकर्मा और नीरा रावत शामिल हैं.
वहीं, जाँच कमेटी ने 24 अगस्त को आत्मदाह मामले में आईपीएस अमिताभ ठाकुर से क़रीब दो घंटे तक पूछताछ की. अमिताभ ठाकुर का इस मामले में कहना था कि उन्हें न तो कथित वायरल वीडियो की प्रति प्रदान की गई है और न ही सरकार की ओर से लगाए गए आरोपों के बारे में बताया गया है.
मीडिया से बातचीत में अमिताभ ठाकुर ने कहा, “जाँच समिति ने वायरल वीडियो का ट्रांसक्रिप्ट और दो ईमेल प्रदान किए हैं जिनमे कमोबेश वही आरोप हैं जो वायरल वीडियो में हैं. चूँकि हमें अब अभिलेख प्राप्त हो गए हैं, इसलिए हमने निर्धारित समय पर समिति के समक्ष अपना बयान दर्ज करा दिया है.”
राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इस घटना का संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर से इस मामले में जल्द रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा था. एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को भी पत्र लिखा था और युवती को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए आवश्यक कार्रवाई पर उत्तर प्रदेश पुलिस से स्पष्टीकरण माँगा था.