झालावाड़ से ब्यूरो चीफ आसिफ शेरवानी की रिपोर्ट
आज जिन मांगो पर चर्चा है वे सभी राजस्थान के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है, कृषि के बाद पशुपालन हमारे ग्रामीणो की आजीविका का प्रमुख स्त्रोत है तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार है।
आयुर्वेद स्वस्थ और निरोगी जीवन जीने की कला है, यह हमारी संस्कृति और जीवनशैली से उपजा विचार और सोच है।
साथ ही साथ देवस्थान आमजन की आस्था और विश्वास से जुडा हुआ विभाग है।
इन तीनो विभागो के संचालन एवं क्रियान्वयन में सरकार को गहरी रूचि दिखानी चाहिये।
राजस्थान में हमारी सरकार द्वारा पशुपालको की समस्या को समझा और गौ वंश संवर्धन के लिये महत्वपूर्ण प्रयास किये। गाय का गोबर और गो मूत्र खरीद कर प्रदेश के पशुपालको के आर्थिक रूप से सक्षम बनाने की योजना लाई। गोबर और गोमूत्र खरीदने का संकल्प आपने भी अपने संकल्प पत्र मे किया हुआ है मेरी मांग है कि गोबर और गौमूत्र खरीद योजना को धरातल पर लाया जाये।
व्यवस्थित पशु हाट, पशुओ के लिये निशुल्क दवाईया तथा मोबाईल चिकित्सालय द्वारा पशुओ का ईलाज आज अत्यंत जरूरी है।
मेरे विधानसभा क्षेत्र से हर साल हजारो की तादाद में भेडो/उंटो का निष्क्रमण होता है जो गांव रीच्छवा रटलाई से होकर मध्यप्रदेश की ओर निकलते है। रास्ता सिंगल रोड होने के कारण पूरी तरह जाम रहता है।ग्रामीण और पशुपालको के बीच कई बार टकराव हो जाता है। मेरी सरकार से मांग है कि रीच्छवा-रटलाई से मध्यप्रदेश सीमा तक सडक का दोहरीकरण कर दिया जाये साथ ही साथ पशुपालन विभाग एवं प्रशासन इनके सुरक्षित निष्क्रमण का प्रबंध करे।
मेरी आपके माध्यम से मंत्री जी से मांग है कि विधानसभा क्षेत्र खानपुर में पशुधन बीमा योजना के अंतर्गत अभियान चलाकर मुफ्त बीमा और मुफ्त टीकाकरण कराया जाये।
सरकंडिया, ककरिया , गोवर्धनपुरा, नोलाव, हिचड़, बोरदा में नये पशु चिकित्सा केंद्र खोले जायें। सरकार अपने चुनावी संकल्प पत्र को पूरा करके गोबर और गौमूत्र की खरीदी सुनिश्चित करे।
आज देवस्थान की मांग की चर्चा हो रही है
अध्यक्ष महोदय मै आज आपके माध्यम से मंदिर माफी या डोली भूमि के संबध में सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहता हॅू।
मंदिर माफी या डोली भूमि एक ऐसी व्यवस्था थी जिसमे रियासत काल से ही जागीरदार एक्ट में पुजारीयो से लगान नही वसूला जाता था
बाद में सम्वत 2011 से सम्वत 2040 तक इन लोगो से लगान भी वसूला गया।
जब 1963 के समय भूप्रबंध सेटलमेंट हुआ तो उस दौरान जब जमाबंदी में काश्तकार का नाम दर्ज हुआ तो पुजारीयो को भी खातेदारी दी गई थी। लेकिन राज्य सरकार ने 13 दिसंबर 1991 को एक अध्यादेश जारी करके इन पुजारियो को उनकी खातेदारी से बेदखल कर दिया। और जमाबंदी में काश्तकार कॉलम में मंदिर और मूर्तियो के नाम इन्द्राज कर दिये गये। और मंदिर और मूर्तियो को नाबालिग भी बता दिया गया। उसके बाद से आज तक इस मामले में कोई सुनवाई नही हुई है और पुजारी शोषण का सामना कर रहे है।
पिछले34 सालो में कभी भी इस मामले की चर्चा नही हुई, पुजारियो के पास खातेदारी अधिकार नही होने की वजह से उनको किसी भी राजकीय सुविधा का लाभ नही मिला उनसे वंचित रहे जिससे वो परिवार और भी पिछडते जा रहे है। उनको किसी भी प्रकार का बैक ऋण, सब्सिडी, फसल बीमा, केसीसी या राज्य सरकार की किसी योजना का लाभ नही मिला।
आज के समय मे पुजारीयो के सामने बहुत बडा संकट खडा होता जा रहा है, कुछ जगह उनको बेदखल कर दिया गया, कही उनके खेतो के रास्ते रोक दिये गये, किसी किसी परिवार के साथ तो मारपीट, हत्या, हत्या के प्रयास जैसे प्रकरण भी सामने आये है।
मंदिर माफी से जुडे हजारो मामले आज कोर्ट कचहरी, थानो में दर्ज है, उसके बावजूद कोई कारवाई नही की जाती है।
निचली अदालतो या राजस्व अदालतो में भी मंदिर माफी या डोली भूमि के मामलो की सुनवाई नही हो पाती है, ये आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग है, सभी लोग हाईकोर्ट जाने में सक्षम नही होते है,
एक तरफ तो सरकार जो व्यक्ति 5 साल तक कब्जा कर लेता है तो उसको खातेदारी के अधिकार या पट्टा दे देती है, वही दूसरी ओर पुजारी वर्ग जो पीढीयों से मंदिर माफी की जमीन पर खेती कर रहा है, जिनके पूर्वज सम्वत 1991 से लेकर सम्वत 2047 यानी 1991 तक के राजकीय भू अभिलेखो और जमाबंदी में उनके नाम काश्तकार कॉलम में इन्द्राज होने के बावजूद भी उनको खातेदारी अधिकार से वंचित कर दिया गया।
मेरी सरकार से मांग है कि पूजारी वर्ग की इस समस्या का समाधान निकाला जाये ।
मेरे विधानसभा क्षेत्र में ग्राम सारोला के पास कल्ला जी महाराज एवं तारज में बरेडा के भैरूजी दोनो ही स्थान लोक आस्था के केन्द्र है। हर साल लाखो श्रद्वालु दूर दूर से मानता मांगने एवे दर्शन करने आते है, मेरी मांग है कि सरकार इन दोनो स्थलो के जीर्णोद्वार एवं सौन्दर्यीकरण एव यात्रीयो की सुविधा के लिये बजट में तारज से बरेड़ा और महुआ खेड़ा से अकावद कल्ला जी महाराज तक सड़क बनाने का प्रावधान करे।
मेरे विधानसभा क्षेत्र खानपुर की आयुष चिकित्सा से संबधित निम्न मांगो को आपके माध्यम से मंत्री जी के सामने रख रहा हॅू।
विधानसभा क्षेत्र खानपुर के राजकीय ब्लाक आयुष हास्पिटल बकानी का भवन निर्माण बजट के अभाव में रूका हुआ है, मेरी मांग है कि उसके लिये बजट जारी किया जाये।
आयुर्वेद चिकित्सालयो में रिक्त पद भरे जाये।इसी प्रकार विधानसभा क्षेत्र के आयुर्वेद चिकित्सालये को हैल्थ एंड वैयरनैस सेंटर्स के रूप में विकसित किया जाये।
राजस्थान में आयुष चिकित्सको के ट्रेनिंग पीरीयड को एलोपैथी मेडीकल ऑफीसर्स के समान दो वर्ष से एक वर्ष किया जाकर ऐलोपैथी और आयुष चिकित्सको में भेदभाव समाप्त किया जाना चाहिये।