‘कश्मीरी पंडितों को दिखाया गया था घर वापसी का सपना, अब उनकी हत्या हो रही’, टारगेट किलिंग पर बोले उद्धव….

आतंकी कश्मीरी पंडितों को लगातार धमकी दे रहे हैं कि उन्हें जल्द से जल्द घाटी से चले जाना चाहिए. धमकियों के बीच आतंकियों ने गैर-मुस्लिम, सुरक्षाकर्मी, एक कलाकार और स्थानीय नागरिकों को निशाना बनाया. वहीं घाटी में कई जगहों पर 6,000 कर्मचारी अपनी सुरक्षा को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि टारगेट किलिंग के कारण कश्मीरी पंडित घाटी छोड़ रहे हैं. उन्हें घर वापसी का सपना दिखाया गया था, लेकिन अब उन्हें मारा जा रहा है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र कश्मीरी पंडितों के साथ है. वह उनकी हर संभव मदद करेगा. हम कश्मीरी पंडितों को बेसहारा नहीं छोड़ सकते. मालूम हो कि 1 मई से अब तक घाटी में आतंकवादी कम से कम आठ नागरिक की हत्या कर चुके हैं.

बाल ठाकरे ने कश्मीरी पंडितों को दिया था आरक्षण

महाराष्ट्र सीएम ने कहा कि 1995 में बाल ठाकरे और तत्कालीन राज्य सरकार ने कश्मीरी पंडितों को शिक्षा में आरक्षण दिया था. हम कश्मीरी पंडितों के नेताओं के संपर्क में हैं और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में मैं उनकी मदद करने के लिए हर संभव कोशिश करूंगा.

सेफ पोस्टिंग मिलेगी, लेकिन घाटी के बाहर तबादला नहीं

कश्मीरी पंडित भले ही घाटी से बाहर तबादले की मांग कर रहे हों, लेकिन जम्मू-कश्मीर प्रशासन ऐसे किसी मांग को फिलहाल ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि कर्मचारियों को घाटी से बाहर नहीं भेजा जाएगा बल्कि सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा. इसी सिलसिले में प्रशासन ने शनिवार को विभिन्न इलाकों में तैनात 177 कश्मीरी पंडितों का जिला मुख्यालय में ट्रांसफर या फिर समायोजन कर दिया है. 

कश्मीर के हालात पर 15 दिन में दूसरी बैठक की गई 

आतंकियों द्वारा कश्मीर में टारगेट किलिंग की लगातार घटनाओं को अंजाम दिए जाने के बाद गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को 15 दिनों में दूसरी हाई लेवल मीटिंग की. गृह मंत्री अमित शाह ने इस मीटिंग की अध्यक्षता की. उन्होंने घाटी में रह रहे कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा को और भी फूलप्रूफ बनाने का निर्देश दिया है.

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