- अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने नेतन्याहू, इजराइल के रक्षा मंत्री और हमास अधिकारी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.
- जानकारी के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायलय ने गुरुवार को इजरायल के प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है.
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) के न्यायाधीशों ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के साथ-साथ हमास के सैन्य कमांडर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं. एक बयान में कहा गया है कि एक प्री-ट्रायल चैंबर ने अदालत के अधिकार क्षेत्र में इजरायल की चुनौतियों को खारिज कर दिया था और बेंजामिन नेतन्याहू और योआव गैलेंट के लिए वारंट जारी किए थे.
किस आधार पर तय की गई गिरफ्तारी?
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने इजरायली नेताओं पर मुकदमा चलाने का आधार पर बात करते हुए कहा कि न्यायालय को यह मानने के लिए उचित आधार मिला है कि बेंजामिन नेतन्याहू और योआव गाजा को भुखमरी की ओर ले जाना चाहते हैं. इसलिए इसकी जिम्मेदारी उनपर ही दी जाती है.
गाजा में सीजफायर प्रस्ताव पर अमेरिका का चौथी बार वीटो
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गाजा में सीजफायर के लिए पेश किए गए प्रस्ताव पर वीटो कर दिया है. इस प्रस्ताव के मुताबिक, गाजा में तुरंत, बिना शर्त और स्थायी तौर जंग को खत्म किया जाना चाहिए. वहीं सभी बंधकों को तुरंत और बिना शर्त रिहा कर देना चाहिए. सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों में से 14 सदस्यों ने ग़ज़ा में युद्ध विराम के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया था.
इजरायल पर क्या होगा असर?
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के इस फैसले के व्यावहारिक प्रभाव सीमित हो सकते हैं क्योंकि इजरायल और उसका प्रमुख सहयोगी अमेरिका इस संस्था के सदस्य नहीं हैं। नेतन्याहू और अन्य इजरायली नेताओं ने आईसीसी के मुख्य अभियोजक करीम खान के वारंट के अनुरोध की निंदा करते हुए इसे अपमानजनक और यहूदी विरोधी बताया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी अभियोजक की निंदा की और हमास के खिलाफ खुद का बचाव करने के इजरायल के अधिकार का समर्थन किया।