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सीएम पद की रेस से बाहर हो गए क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया? केंद्रीय मंत्री ने खुद दिया जवाब….

देश के 4 राज्यों के साथ-साथ मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. बीजेपी राज्य में शिवराज सरकार को रिपीट करने को लेकर जी-जान से जुटी हुई है. राजनीति में दिलचस्पी रखने वालों के जहन में अक्सर ये सवाल आता है कि अगर मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनती है तो क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्यमंत्री बनेंगे. वहीं इस सवाल का केंद्रीय मंत्री ने खुद जवाब दिया है. दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया एक कार्यक्रम में उन्होंने सीएम पद को लेकर स्पष्ट कर दिया है.

एक इंटरव्यू में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मैं कभी सीएम बनने की रेस में नहीं रहा. मैं पहले भी मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे और ना ही अब बनना चाहते हैं. मैंने नाइंसाफी के खिलाफ हमेशा संघर्ष किया है. मैं कूटनीति नहीं करता. साथ ही, मेरे मन में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के प्रति कोई द्वेषभाव नहीं है.”

बता दें कि साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने की वजह से उनके समर्थक विधायक भी बीजेपी में शामिल हो गए थे और राज्य की कमलनाथ सरकार गिर गई थी.

पूर्ण बहुमत से बनाएंगे सरकार
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दावा किया कि राज्य में बीजेपी एक बार फिर से बहुमत की सरकार बनाने जा रही है. वहीं बीजेपी को बहुमत मिलने पर राज्य की कमान एक बार फिर से मौजूदा सीएम शिवराज सिंह चौहान के हाथों में होगी. सिंधिया ने आगे कहा कि बीजेपी ने पिछले 18 साल में एमपी में शानदार काम किया है. उन्होंने कहा कि एक समय प्रदेश में ना तो सड़कें थी और न ही लाइट थी. लेकिन बीजेपी ने सरकार बनाने के बाद राज्य के लोगों के लिए सड़कों का जाल फैलाया और 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराई. सिंधिया ने आगे कहा कि प्रदेश में पहले सिंगल इंजन की सरकार थी और अब डबल इंजन की सरकार है.

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