ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच, ईरान ने इजरायल और अमेरिका को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के मिसाइल हमले के बाद कहा था कि “ईरान ने बहुत बड़ी गलती की है, और उसे इसकी कीमत चुकानी होगी” ।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने भी इजरायल पर तीखा हमला करते हुए कहा कि “इजरायल के हाथ खून से सने हैं और वह अब नहीं बच पाएगा” ।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह टकराव केवल दोनों देशों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे खाड़ी क्षेत्र में युद्ध छिड़ने का खतरा है। ईरान की “ऑक्टोपस नीति” के तहत उसकी सहयोगी सेनाएं पहले से तैयार बैठी हैं और किसी भी संघर्ष की स्थिति में सक्रिय भूमिका निभा सकती हैं ।
अमेरिका ने इस हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है, लेकिन क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। अमेरिका ने कहा कि वह इजरायल की “सुरक्षा सुनिश्चित करने” के लिए प्रतिबद्ध है ।