पाकिस्तान:मौलाना फजल-उर-रहमान की इमरान को वार्निंग कहा- इमरान को कराने होंगे इसी साल चुनाव,2020 तो बहुत दूर!

- मौलाना की पार्टी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम ने इस्लामाबाद धरने के बाद प्लान बी पर अमल शुरू किया
- पाकिस्तान के कई हिस्सों में मुख्य सड़कें और राजमार्ग बंद किए गए, रावलपिंड-इस्लामाबाद हाईवे भी अवरुद्ध करेंगे
इस्लामाबाद. प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे मौलाना फजल-उर-रहमान ने गुरुवार को इसी साल नए चुनाव होने की उम्मीद जाहिर की है। मौलाना के मुताबिक, आम चुनाव 2020 यानी अगली साल न होकर इसी साल होंगे।
उनकी पार्टी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) ने कुछ दूसरे विपक्षी दलों के साथ आजादी मार्च का दूसरा चरण शुरू कर दिया है। इसके तहत देश के तमाम प्रमुख मार्गों को बंद किया जा रहा है। इसका असर भी दिखने लगा है। बलूचिस्तान, सिंध और खैबर पख्तूनख्वा में मौलाना के समर्थकों ने सड़कों पर अवरोधक लगा दिए।
2020 तो अभी बहुत दूर
रहमान ने पार्टी नेताओं के साथ आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा, “2020 तो अभी बहुत दूर है। मैं तो इसी साल आम चुनाव देख रहा हूं।” नवाज शरीफ को इलाज के लिए विदेश भेजने के सवाल पर रहमान ने कहा, “इस मामले में सरकार कोई शर्त नहीं रख सकती। उनको इलाज के लिए विदेश जाने की मंजूरी देनी चाहिए।” इससे पहले प्रधानमंत्री इमरान खान ने मौलाना के आंदोलन को रोकने के लिए चौधरी शुजात हुसैन और उनके भाई परवेज इलाही को रहमान से बातचीत करने के लिए भेजा था। हालांकि, यह कवायद भी कामयाब नहीं रही।
सरकार को चेतावनी
देश के ज्यादातर हिस्सों में हाईवे बंद होने से जरूरी चीजों की किल्लत बढ़ने लगी है। इसका दबाव भी सरकार पर नजर आने लगा है। मौलाना ने चेतावनी देते हुए कहा, “ये आम प्रदर्शन नहीं बल्कि जनआंदोलन है। सरकार के खिलाफ जनता खड़ी हो चुकी है। अगर इसको दबाने की कोशिश हुई तो कुछ भी हो सकता है। हम स्वस्थ और स्वतंत्र लोकतंत्र के जरिए देश का विकास चाहते हैं। लेकिन, आशंका है कि सरकार ज्यादती से आंदोलन खत्म कराना चाहती है। उसे ये भी सोचनाचाहिए कि इसके नतीजे क्या होंगे।”