प्रदेश में बढ़ती महामारी ! सरकारी उपाय ना काफी……

क्या फागिंग करने से डेंगू या मलेरिया की रोकथाम हो सकती है या इस महामारी को रोकने के लिए सरकार और हमे और कुछ भी करने की आवश्यकता है यह एक सोचने का विषय है। देहरादून नगर निगम द्वारा सड़कों पर फागिंग की कार्रवाई की जा रही है उसका कितना असर डेंगू के लार्वा को खत्म करने में होता है और यह करवाई कितनी कारगर है इसपर गौर करने की जरूरत है पहले तो जो सॉल्यूशन इस्तेमाल किया जा रहा हैं वह फागिंग वाले क्षेत्र को कितना प्रभावित करता है।

और सड़क से फागिंग करने से क्या सारे क्षेत्र के मच्छर या उनकी कल्चर खत्म हो जाती हैं इसके लिए जनता को भी जागरूक होकर एक अभियान चलाना होगा किसी भी सूरत में उन कारणों को रोकना होगा जिससे मच्छरों या उनके लार्वा की पैदावार बढ़ती है और यह सफाई से ही मुमकिन है।

हालांकि इस समय हर घर में डेंगू मलेरिया का बुखार फैल रहा है डॉक्टरों के यहां और अस्पतालो में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही हैं और यह बीमारी भयावह और जानलेवा होती जा रही हैं।

क्या हमारे मोहल्ले की सड़क, नालियों की सफाई नियमित है नालियों में पानी तो नही रुकता है खाली पड़े हुए प्लॉट में झाड़ी, कूड़ा, गंदगी और सफाई है या नहीं इसको रोकने से मच्छर की पैदावार को रोका जा सकता है इस बात को सुनिश्चित करने के लिए सरकार के साथ जनसहयोग करने की जरूरत है।

इस तरह के बुखार की रोकथाम के लिए जरूरी यह है कि मच्छरों की पैदावार को रोका जाए मगर जिन सड़कों पर फागिंग की जा रही है वहां पर नालियों के अंदर पानी भरा हुआ है और उसमें मच्छर पैदा हो रहे हैं जिन इलाकों के अंदर फागिंग की जा रही है वहां पर खाली पड़े हुए प्लॉटो में पूरी तरह से कूड़ा, झाड़ियां और पौधे उगे हुए हैं लोग उन खाली प्लाटों के अंदर अपने घर का पूरा कूड़ा कचरा डालने हैं यह सारे कार्य अगर किया जा रहे हैं और मच्छरों की पैदावार बढ़ रही है तो इन हालात में इस फॉगिंग का बहुत ज्यादा असर नहीं हो सकता इसलिए जनता को जागरुक होकर आसपास में सफाई अभियान चलाना चाहिए नालियों में जमा पानी और कूड़ा करकट बाहर निकलना नगर निगम की जिम्मेदारी है और इसके अलावा खाली प्लॉट के मालिकों को नोटिस देकर उनकी सफाई को सुनिश्चित करें जब तक पूरी तरह से सफाई नहीं होगी तो मलेरिया या डेंगू का लार्वा खत्म नहीं हो होगा इसलिए सबको मिलकर कोशिश करनी पड़ेगी ताकि यह बढ़ती हुई महामारी को रोका जा सके।

इसके अलावा सरकार को अस्पताल के प्रबंधन को दुरुस्त करने की जरूरत है। सरकार के साथ डॉक्टर को मानवता की रक्षा के लिए कृत संकल्पित होने की आवश्कता है। यह समय व्यापार का नही है बल्कि सेवा करने का है।

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