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सुशांत सिंह केस में सुप्रीम कोर्ट ने पटना में दर्ज FIR सही करार दिया गया। जानिए इस केस के कहीं अहम लोगों के बयान।


सुशांत सिंह राजपूत के मौत के सिलसिले में पटना में दर्ज एफआईआर को मुंबई ट्रांसफर करने के लिए एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी बुधवार को फैसला सुना दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सुशांत सिंह केस की जांच सीबीआई करेगी । सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह ने पटना में दर्ज कराई गई इस प्राथमिकी में रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के सदस्यों सहित छह व्यक्तियों पर अपने पुत्र को आत्महत्या के लिए मजबूर करने सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं। बता दें कि सुशांत की मौत के करीब दो महीने होने को हैं, मगर अब तक इसकी जांच पर पेच फंसा हुआ था। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड कार्यसूची के अनुसार, न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की एकल पीठ ने सुशांत सिंह मौत मामले पर फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति रॉय ने 11 अगस्त को इस याचिका पर सुनवाई पूरी की थी। सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को मुंबई के उपनगर बांद्रा में अपने अपार्टमेंट में फंदे से लटके पाए गए थे। 
लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने कहा कि अब न केवल सच्चाई सामने आएगी, बल्कि वे नाम भी सामने आएंगे जो मामले में जांच को बाधित करने के पीछे थे। मुझे उम्मीद है कि कोर्ट के आदेश से सुशांत सिंह राजपूत के परिवार को राहत मिली होगी।बिहार डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से कोर्ट में लोगों का भरोसा मजबूत हुआ है और देश को भरोसा दिलाया है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में न्याय मिलेगा।सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद सुशांत की बहन श्वेता कार्ति सिंह ने ट्वीट कर अपनी खुशी जाहिर की और लिखा- फाइनली सुशांत केस की सीबीआई करेगी जांच।

-सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में बिहार में दर्ज एफआईआर को सही ठहराया है, इसके अलावा, मुंबई पुलिस को जांच में सहयोग करने का आदेश दिया है।

– बिहार सरकार में मंत्री संजय झा ने कहा कि मुंबई पुलिस एक तरह से केस बंद करना चाहती थी। सुशांत सिंह राजपूत के परिवार की ओर से एफआईआर करने के बाद ही गंभीरता से जांच शुरू हुई है। हमें उम्मीद है कि परिवार को न्याय मिलेगा।

बिहार सरकार ने इस मामले में शीर्ष अदालत से कहा था कि ‘राजनीतिक प्रभाव’ की वजह से मुंबई पुलिस ने एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के मामले में प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की है। दूसरी ओर, महाराष्ट्र सरकार की दलील थी कि इस मामले में बिहार सरकार को किसी प्रकार का अधिकार नहीं है। रिया चक्रवर्ती के वकील का कहना था कि मुंबई पुलिस की जांच इस मामले में काफी आगे बढ़ चुकी है और उसने 56 व्यक्तियों के बयान दर्ज किए हैं।

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इसके विपरीत, सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह का कहना था कि उनका महाराष्ट्र पुलिस में भरोसा नहीं है। उनका कहना था कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की पुष्टि की जाए और मुंबई में महाराष्ट्र पुलिस को इस मामले में सीबीआई को हर तरह से सहयोग करने का निर्देश दिया जाए।

बिहार सरकार का दावा था कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु को लेकर पटना में दर्ज कराई गई प्राथमिकी विधि सम्मत और वैध है। राज्य सरकार ने यह भी दावा किया था कि मुंबई पुलिस ने उसे न तो सुशांत सिंह राजपूत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराई और न ही उसने अभी तक इस मामले में कोई प्राथमिकी ही दर्ज की है।

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इस मामले में केंद्र की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि मुंबई में तो कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 154 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने और मजिस्ट्रेट को इसकी जानकारी दिये बगैर कोई जांच ही नहीं की जा सकती। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान ही केंद्र ने कहा था कि इस मामले को सीबीआई को सौंपने की बिहार सरकार की सिफारिश स्वीकार कर ली गई है और इस संबंध में आवश्यक अधिसूचना भी जारी हो गई है।

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