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Arshad khan..
एक्सप्रेस न्यूज भारत की आज सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत से खास बातचीत हुई जिसमें अपने खुले अंदाज के लिऐ जाने जानें वाले उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बड़ी बेबाकी के साथ अपनी राय रखी । एक्सक्लूसीव बातीचीत में हरीश रावत ने बताया की चीन के वुहान से फैले हुऐ कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को दुविधा में डाल दिया है । औऱ महामारी की कगार पर लाकर छोड़ दिया है । सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि आसपास के सभी देश कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं । चीन ने कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिऐ कुछ कदम उठाये औऱ वो चीन स्पेशिफिक थे । लेकिन पड़ोसी देश महामारी के इस प्रकोप को रोकने में नाकामयाब रहे क्योंकि समय पर सर्तकता नहीं बरती, जिसका खामियाजा आज सभी को भुगतना भी पड़ रहा है । भारत सरकार ने समय रहते कोरोना को लेकर संवेदनशीलता नहीं दिखाई यदि समय पर संवेदनशीलता से इस बीमारी को ले लिया होता तो आज तेजी से बढ़ रहे मामलों से बचा जा सकता था ।
विपक्ष के सुझाव पर सरकार ने नहीं किया गौर..
सवाल- कोरोना काल के चलते प्रदेश सरकार की भूमिका
जवाब- प्रदेश सरकार सीधा दिल्ली की तरफ रुख करती है । यानि सरकार में स्वयं निर्णय की झमता नहीं है । केंद्रिय नेतृत्व के बलबूते सरकार काम कर रही है । प्रदेश में आने वाले प्रवासीयों को सरकार सकुशल पहुंचाने में असमर्थ रही है । और न सरकार उत्तराखंड में तेजी से बढ़ रहे मामलों को रोक पा रही है ।
सवाल- क्या प्रदेश सरकार विपक्ष से बचती नजर आई है ।
जवाब- मैने मिलने की कोशिस नहीं की लेकिन पत्राचार जरुर किया जिसमें मुख्यमंत्री तक मेरे पत्र पहुंचे हैं । और शायद उन्होंने मेरे विचार पर विमर्श भी जरुर किया होगा । जहां सुझाव की बात है में समय समय पर सोशल मीडिया के माध्यम ने जनता की आवज को हुक्मरानों तक पहुंचाने का काम करता रहता हूं ।
सवाल- आप राजनीति से ही नहीं बल्कि पहाड़ की जनसमस्यओं से भी परिचित हैं । स्वास्थ सेवाऐं, सड़क निर्माण, और शिक्षा के क्षेत्र में अव्वल उत्तराखं में आज बेरोजगारी बेशुमार है ?
जवाब- ढांचागत और योजनाबध्द तरीके से काम करना जरुरी है । शिक्षा क्षेत्र काफी बड़ा है राज्य में उसका सदुपयोग करना आना चाहिऐ ताकि लोगों को बाहरी राज्य की ओर मुंह न करना पड़े । प्रदेश के कई क्षेत्रों में सड़कों की भी दुर्दशा है मैने ग्राउंड पर जाकर भी मुआयना किया है । प्रदेश का विकास निर्माणकार्यों से ही जनता को दिखाई देगा । उत्तराखंड के लिहाज से प्रदेश को बड़े पैमाने पर स्वास्थ सुविधाओं की जरुरत है । जिसका जीता जागता उदाहरण पड़ोसी राज्यों की स्वास्थ सुविधाओं को लेकर लागाया जा सकता है ।
सवाल- डबल इंजन की सरकार है, आरोप भी डबल लगे हैं, किसी ने कहा युवा उत्तराखंड को नेतृत्व अच्छा नहीं मिला, किसी ने कहा उत्तराखंड को नीतियां अच्छी नहीं मिली और किसी ने कहा की नेतृत्व और नीतियां दोनों ही सही नहीं मिली…
जवाब- मैं ऐसा नहीं कहूंगा की प्रदेश में मेरे बाद आऐ मुख्यमंत्रीयों ने काम नहीं किया है । उत्तराखंड की कमान जिस भी मुख्यमंत्री के हाथ में आई है, उसने पूरी कोशिश की है उत्तराखंड को उपर उठाने की और विकास की राह पर कार्य करने की.. पर मेरा हमेशा उद्देशय रहा है कि में फ्रंट फुट पर लीड करुं । क्योंकि यदि राज्य में विकास करना चाहते हो तो फ्रंट फूट पर काम करना पड़ेगा ।
सवाल- किसानों का मुद्दा आपके दिल के काफी करीब है …?
जवाब- मैं एक छोटे से ही सही एक किसान का बेटा हूं.. और किसान देश की आत्मा है । देश का संबल है किसान तो किसान को समझना पड़ेगा उसकी समस्याओं को समझकर उनका निदान करना पड़ेगा, इसी में देश का भविष्य है । आज के दौर में भी किसान ही महामारी से देश के काम आ रहा है ।
सवाल- लोगों ने कहा आम पार्टी पर आप राजनीति कर रहे हैं !
जवाब- लोगों ने सही कहा है कि में राजनीति कर रहा हूं (मजाकिया अंदाज में) क्योंकि में राजनीतीज्ञ हूं मेरे हाव भाव मुझसे जुड़े हर कार्यक्रम में राजनीती ही झलकती है । मेरी पहली मैंगो पार्टी में 7 से 8 हजार लोग पार्टी में आऐ जिससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह नजर आया । मैनें चुनाव की हार से पार्टी को निराशा से निकालने के लिऐ आम पार्टी का आयोजन किया था जिससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नई उत्तेजना मिली । लेकिन पार्टी को कुछ लोगों ने समांतरित कांग्रेस कहना शुरु कर दिया तो मैनें फिर अपने निर्णय को वापस लिया । हर कार्य को राजनीतिक चश्में से नहीं देखना चाहिऐ क्योंकि इसमें मेरा नहीं बल्की उत्तराखंड का नुकसान हुआ है । जिन चीजों को में उस वक्त उठा रहा था आज प्रदेश को उन्हीं चीजों की आवश्यकता है ।
सवाल- सतपाल महाराज कोरोना पाजीटिव पाये गऐ हैं.. आज पूरी कैबिनेट और राज्य सरकार कोरोना के खतरे मैं है ।
जवाब- मैं इस मुद्दे पर कोई भी टिप्पणी करना उचित नहीं समझता हूं …