उत्तराखंड (नैनीताल) हाइकोर्ट स्कूलों के फेवर मे स्कूल अब ले सकेंगे पूरी फीस….

हाइकोर्ट नैनीताल ने कोरोनाकाल में प्राइवेट स्कूलों के पूरी फीस न लेने के मामले पर सुनवाई की। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने कक्षा छह से नौ और 11 के विद्यार्थियों से पूरी फीस लेने का आदेश जारी कर दिया है। कोरोनाकाल में इनसे सिर्फ ट्यूशन फीस लेने का आदेश दिया गया था। कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद संबंधित याचिका को निस्तारित घोषित कर दिया। गुरुवार को सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई। 

पिछली सुनवाई पर याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा था कि 15 जनवरी को सरकार ने एक जीओ जारी कर 10वीं व 12वीं की कक्षाएं खोलने का आदेश दिया था। साथ में कहा था कि उनसे पूरी फीस ले सकते हैं। चार फरवरी को सरकार ने फिर एक जीओ जारी कर कक्षा छह से आठ और नौ तथा ग्यारहवीं की कक्षाएं खोलने का आदेश दिया था, पर यह जिक्र नहीं था कि इन कक्षाओं के विद्यार्थियों से पूरी फीस ले सकते हैं। इस पर कोर्ट ने सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। पूर्व के आदेश के क्रम में गुरुवार को सरकार की ओर से स्थिति स्पष्ट की गई। 

अभिभावक बोले, फीस ऐक्ट लागू करे सरकार 
अभिभावक एकता समिति ने  निजी स्कूलों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए सरकार से तत्काल फीस ऐक्ट लागू करने की मांग की है। समिति की ओर से इसके लिए मुख्यमंत्री को पत्र भेजा गया है।  समिति के अध्यक्ष लव चौधरी ने बताया कि सरकार सिर्फ फीस ऐक्ट की बात कह रही है, जबकि निजी स्कूलों के दबाव में ऐक्ट लागू नहीं कर रही। इसे तत्काल लागू किया जाए। ताकि अभिभावकों को राहत मिले। उन्होंने ये भी मांग की कि जिस स्कूल में किसी अभिभावक के एक से अधिक बच्चे हों उनकी पचास प्रतिशत फीस माफ की जाए। सभी स्कूलों में पीटीए के गठन को भी अनिवार्य किया जाए। अगर किसी स्कूल में किसी अभिभावक की एक से ज्यादा बेटियां हों तो उनकी फीस पूरी तरह माफ की जाए। अगर जल्द मांगों पर कार्रवाई नहीं हेाती तो समिति स्कूलों और सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करेगी।

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