जमीन के झगड़े से जुड़े एक मामले में घर में घुस कर मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बजाए पीड़िता से ही बदसलूकी करना बघौचघाट के तत्कालीन थानेदार को महंगा पड़ गया है। अदालत ने तत्कालीन थानेदार समेत 9 लोगों के विरुद्ध अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। बघौचघाट पुलिस मुकदमा दर्ज कर मामले में विवेचना करेगी।
बघौचघाट थाना क्षेत्र के अहिरौली गांव की रहने वाली शैल देवी पत्नी लालबहादुर का आरोप था कि 3 जुलाई 2020 की रात गांव में आधा दर्जन लोग लाठी डंडे से लैस होकर उनके घर पहुंचे। हमलावर घर का कटरैन उजाड़ने लगे। घर पर मौजूद उनकी बेटी पूजा और कविता ने विरोध ने किया तो हमलावरों ने उन्हें मारपीट कर घायल कर दिया। इसके बाद उन्होंने जिला अस्पताल में मेडिकल कराने के बाद बघौचघाट पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया। बघौचघाट पुलिस ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। पीड़िता एसपी से गुहार लगाई। इसके बाद 16 जुलाई को थाने पर गई तो तत्कालीन थानेदार संजय सिंह ने उसके साथ अभद्रता किया।
पीड़िता के साथ गए युवक को फर्जी मुकदमा में फंसाने की धमकी दिया। कार्रवाई नहीं होने पर उसने सीजेएम कोर्ट में गुहार लगाई। सीजेएम सूर्य कांत धर दूबे ने मामले की सुनवाई के बाद बघौचघाट के तत्कालीन थानेदार संजय सिंह, छेदी पुत्र स्व.सिंहासन, लालू पुत्र सुन्दर, नगीना, भरथ, नेबूलाल पुत्रगण लालू, अवधेश पुत्र स्व.जोगी निवासीगण अहिरौली थाना बघौचघाट और दो अज्ञात व्यक्तियों पर केस दर्ज करने का आदेश दिया है।