अगर किसी और ने डाल दिया है आपका वोट तो अपनाये ये तरीका, दोबारा डाल….

अगर कोई मतदाता बूथ पर पहुंचा। कक्ष में वोट डालने गया और वहां पता चला कि उसका वोट पहले ही पड़ चुका है तो उसके लिए टेंडर वोट की व्यवस्था होगी। टेंडर वोट मतपत्र से डाला जाएगा। पीठासीन अधिकारी इसको सील करके चुनाव सामग्री के साथ जमा करेंगे। वहीं अगर कोई व्यक्ति वोट डालने गया है और एजेंटों ने उस व्यक्ति को लेकर विरोध जताया तो वह दो रुपए का शुल्क पीठासीन अधिकारी के पास जमा करेगा इसके बाद फार्म भरकर उसका चैलेंज वोट डलवाया जाएगा।

प्रभारी अधिकारी प्रशिक्षण परियोजना निदेशक केके पाण्डेय ने टेंडर वोट के बारे में बताया कि यदि कोई मतदाता बूथ पर वोट डालने के लिए पहुंचा और यह पता चला कि उसके नाम का वोट पहले ही पड़ चुका है तो पीठासीन अधिकारी उसका टेंडर वोट करवाएंगे। इसके लिए एक फार्म पीठासीन अधिकारियों के पास रहेगा। इसको भरवाने के बाद बैलेट दिया जाएगा। बैलेट से वोट पड़ने के बाद इसको अलग लिफाफा में रखकर सील किया जाएगा।

पीठासीन अधिकारी इसको अपनी डायरी में भी दर्ज करेंगे। यह लिफाफा स्ट्रांग रूम में ईवीएम के साथ जमा होगा। इसके अलावा चैलेंज वोट वह होता है जब कोई व्यक्ति वोट डालने पहुंचा और एजेंटों ने बताया कि वह मतदाता सूची में दर्ज नाम का सही नहीं है। ऐसे मतदाता के लिए चैलेंज वोट की व्यवस्था होती है। दो रुपए का शुल्क देने के बाद पीठासीन अधिकारी उसका वोट डलवाएंगे। इसका मतदाता सूची में नाम, क्रमांक आदि भी लिखा जाएगा। हालांकि ऐसे केस बहुत कम निकलते हैं।

2017 के चुनाव में कोई टेंडर वोट नहीं

आमतौर पर लोगों को टेंडर वोट की जानकारी ही नहीं होती। पिछले विधानसभा चुनाव में एक भी टेंडर वोट नहीं पड़ा। हालांकि तमाम लोग यह कहते पाए गए कि उनका वोट कोई दूसरा डाल गया। अब तक प्रशासन ने इसे लेकर कोई जागरूकता भी नहीं फैलाई और पीठासीन अधिकारियों ने इसे बेवजह का सिरदर्द माना। यही वजह है कि आम लोगों को जानकारी ही नहीं हो सकी। पहली बार डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर जागरूकता अभियान चलाया है।

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