यदि अमेरिका इजरायल के साथ मिलकर ईरान के खिलाफ खुलकर युद्ध में शामिल होता है, तो यह वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा पर गहरे प्रभाव डाल सकता है। आइए, इस पर विस्तार से चर्चा करें
युद्ध की स्थिति
हाल ही में, इजरायल ने तेहरान पर एक बड़ा हवाई हमला किया, जिसमें ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। इसके जवाब में, ईरान ने इजरायल पर 200 से अधिक मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिनमें कुछ ने नागरिक क्षेत्रों को भी नुकसान पहुँचाया। इस संघर्ष में दोनों पक्षों के कई शीर्ष अधिकारी और वैज्ञानिक मारे गए हैं
अर्थव्यवस्था पर असर
तेल की कीमतों में वृद्धि: खाड़ी क्षेत्र में संघर्ष के कारण, वैश्विक तेल आपूर्ति प्रभावित हो सकती है, जिससे तेल की कीमतें $150 प्रति बैरल तक पहुँच सकती हैं ।
अमेरिका की भूमिका: अमेरिका ने इजरायल का समर्थन किया है, लेकिन ईरान ने चेतावनी दी है कि यदि अमेरिकी हितों पर हमला किया गया, तो गंभीर परिणाम होंगे ।
क्षेत्रीय अस्थिरता: यह संघर्ष अन्य देशों जैसे लेबनान, सीरिया, और इराक को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ सकती है ।
न्यूक्लियर खतरा: ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमलों से रेडिएशन का खतरा उत्पन्न हो सकता है, जिससे वैश्विक सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है ।
संभावित तीसरे विश्व युद्ध की आशंका: यदि संघर्ष और बढ़ता है, तो यह तीसरे विश्व युद्ध की ओर भी बढ़ सकता है, जिसमें कई देशों की भागीदारी हो सकती है ।
भारत पर प्रभाव
भारत, जो खाड़ी देशों के साथ मजबूत व्यापारिक संबंध रखता है, इस संघर्ष से अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हो सकता है। तेल की कीमतों में वृद्धि से भारत की ऊर्जा लागत बढ़ सकती है, जिससे घरेलू महंगाई पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा, भारतीय नागरिकों की सुरक्षा भी एक चिंता का विषय बन सकती है ।