- शासन प्रशासन की जल्दबाजी बना हल्द्वानी घटना का कारण
- हाईकोर्ट मे मामले की सुनवाई की तारीख 14 फरवरी तय की थी,
- हाई कोर्ट के आदेश से पहले ही बुलडोजर कार्रवाई को लेकर जनता में विरोध..
- प्रशासन की जल्दबाजी न होती तो शायद घटना ना होती..
उत्तराखंड के हल्द्वानी के वनभूलपुरा में सरकारी जमीन बने मदरसे, मस्जिद को तोड़ने के लिए पहुंचे बुलडोजर और पुलिस की टीम पहुंची. ये वाकया 8 फरवरी दोपहर के बाद का है, जिसपर वहां की जनता ने हमला कर दिया.
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हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश ने कहा, हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की तारीख 14 फरवरी तय की थी, लेकिन इसे अंजाम देने के लिए शासन-प्रशासन ने जल्दबाजी की. इस मामले मे तूल पकड़ी और अब यहां माहौल तनावपूर्ण है.
बुलडोजर एक्शन के खिलाफ किया भीड़ का एक्शन बढ़ता गया. इस मामले में अब तक 80 पुलिसकर्मी, 300 लोगों के घायल होने और 6 लोगों की मौत की सूचना है.
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हालात बेकाबू होते देख कर्फ्यू लगा दिया गया है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लोगों से सौहार्द बनाए रखने की अपील की है. हरीश रावत ने कहा है कि हल्द्वानी के हालात से हम सभी चिंतित हैं. हल्द्वानी का इतिहास प्रेम, भाईचारे और सौहार्द का रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “हमेशा से शांत और आगे बढ़ती हुई हल्द्वानी आज अगर उबाल रहा है, तो ये चिंता का विषय है. हल्द्वानी हम सबका अभिमान है, हमारी शान है, उत्तराखंड की शान है, हमारी कॉमर्शियल कैपिटल है. मैं सभी लोगों से प्रार्थना करना चाहूंगा कि शांति-सौहार्द बनाए रखने में सहयोग करें और शांति लाएं. किसी तरह की उत्तेजक गतिविधि से हर व्यक्ति परहेज करें. प्रशासन भी और जनता भी शांति की तरफ आगे बढे़”
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दंगाइयों पर होगी सख्त कार्रवाई’
मुख्यमंत्री ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में प्रशासन की एक टीम कोर्ट के आदेश के बाद अतिक्रमण विरोधी अभियान के लिए गई थी. वहां असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर पथराव किया. कुछ पुलिसकर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों को चोटें आईं. पुलिस और केंद्रीय बलों की अतिरिक्त कंपनियां वहां भेजी जा रही हैं. हमने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की है. कर्फ्यू लगा हुआ है. आगजनी करने वाले दंगाइयों और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.’