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HathrasCase: पीड़िता के भाई ने कहा- हमने नहीं की थी CBI जांच की मांग सरकार खुद…..

  • हाथरस रेप केस पर पीड़िता के भाई का बड़ा बयान.
  • कहा हम नहीं चाहते CBI जांच
  • सरकार खुद कराना चाहती है सीबीआई जांच
  • पीड़िता के भाई ने कहा- अस्थियां नहीं होगी विसर्जित,
  • जब तक आरोपियों को नहीं हो जाती फांसी

हाथरस;उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने हाथरस कांड में सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है। इस पर पीड़िता के भाई ने कहा कि हमने सीबीआई जांच की मांग नहीं की थी क्योंकि मामले में पहले से ही एसआईटी की जांच चल रही है।

बता दें कि राज्य सरकार ने बुधवार को ही इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन कर दिया था। एसआईटी की शुरुआती जांच रिपोर्ट के आधार पर ही योगी सरकार ने हाथरस एसपी और डीएसपी सहित अन्य अधिकारियों को निलंबित करने का फैसला लिया था।

पीड़िता के भाई ने कहा- अस्थियां नहीं होगी विसर्जित, जब तक आरोपियों को नहीं हो जाती फांसी

 यूपी के हाथरस कांड को लेकर पीड़िता के परिजनों की तरफ से जिलाधिकारी प्रवीण कुमार पर आरोपों की बौछार जारी है. अब पीड़िता के भाई ने शनिवार को बड़ा बयान दिया है. पीड़िता के भाई ने कहा कि अस्थियां विसर्जित नहीं की जाएगी, जब तक आरोपियों को फांसी नहीं लटकाया जाएगा. उन्होंने जिलाधिकारी प्रवीण कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस घटना के पीछे पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया.

पीड़िता के भाई ने बताया कि जिलाधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की मांग डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी व अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी से की है. उन्होंने कहा कि शासन और प्रशासन की कार्रवाई से पीड़ित परिवार संतुष्ट नहीं है. क्योंकि जिलाधिकारी के खिलाफ परिवार में भारी आक्रोश है. उन्होंने कहा कि हम जांच से संतुष्ट नहीं हैं. हम केस की सीबीआई जांच चाहते हैं. मेरी बहन की मौत हो गई. प्रशासन ने बिना उनका चेहरा दिखाए अंतिम संस्कार कर दिया.


हम सीबीआई जांच भी नहीं चाहते?

इससे पहले दिवंगत 19 वर्षीय महिला की मां ने कहा कि उनकी मौत के बाद पुलिस ने उनकी बेटी का शव नहीं सौंपा. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में जांच की मांग की और कहा कि परिवार को एसआईटी या सीबीआई पर भरोसा नहीं है. मां ने कहा कि ‘इन लोगों ने मुझे भीख मांगने के बाद भी अपनी लड़की का शरीर नहीं देखने दिया. हम सीबीआई जांच भी नहीं चाहते हैं. हम चाहते हैं कि मामले की जांच सर्वोच्च न्यायालय के जज के अधीन हो. हम नार्को टेस्ट क्यों कराएं, हमने अपना बयान कभी नहीं बदला.

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