गुरुग्राम में फिर महापंचायत में हेट स्पीच ! मुस्लिमों के बहिष्कार की चेतावनी पुलिस को कहा किसी भी युवक को गिरफ्तार…..

गुरुग्राम सेक्टर-57 में नायब इमाम की हत्या के आरोपियों पर पुलिस कार्रवाई के बाद रविवार को तिगरा गांव में सर्व समाज की महापंचायत हुई। इसमें 1500 से ज्यादा लोग शामिल हुए। महापंचायत में पुलिस पर हत्या के मामले में निर्दोष लोगों को फंसाने का आरोप लगाया गया। सात दिन में आरोपियों का नाम एफआईआर से नहीं हटाने पर चक्काजाम की चेतावनी दी गई। नायब इमाम मोहम्मद साद की हत्या के बाद सेक्टर-56 थाना पुलिस ने एएसआई के बयान पर 10 लोगों को नामजद करते हुए 90 से अधिक अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस इस मामले में अब तक छह आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है

महापंचायत की अध्यक्षता तिगरा गांव के सरपंच अंतर सिंह ने की। पंचायत के दौरान सेक्टर- 57 से धार्मिक स्थल को हटाने की बात कही गई। कहा गया कि जो भी युवा इस मामले में फंसे हैं, उसकी निष्पक्ष जांच हो और सात दिन के भीतर उनका नाम मुकदमे से हटाया जाए।

महापंचायत में फैसला लिया गया कि समाज का कोई भी व्यक्ति मुस्लिम किरायेदार नहीं रखेगा और न ही उनसे कोई सामान खरीदेगा। सामान हिंदू दुकानदारों से खरीदना है चाहे वह पांच रुपये महंगा ही क्यों न हो।

कुलभूषण भारद्वाज ने कहा कि नूंह की घटना के बाद मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। अगर उनसे मेवात नहीं संभलता है तो उसे यूपी में योगी को दे दें। इसके साथ ही सोहना से विधायक संजय सिंह ने नूंह की घटना के बाद मुख्यमंत्री की ओर से बुलडोजर चलवाने की तारीफ की। युवा कांग्रेसी नेता वर्धन यादव ने कहा कि जितनी पुलिस पंचायत के लिए लगाई गई है। सरकार ने इतना इंतजाम मेवात में किया होता तो यह दिन नहीं देखना पड़ता।

101 सदस्यीय कमेटी का गठन, सोमवार को उपायुक्त और पुलिस आयुक्त को सौंपेंगे ज्ञापन
पंचायत के अंत में 101 सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई। जो पूरे मामले की पैरवी करेगी। सोमवार की सुबह 10 बजे कमेटी के लोग उपायुक्त और पुलिस आयुक्त को पंचायत में हुए फैसले को लेकर ज्ञापन सौंपेंगे। पूर्व विधायक तेजपाल तवंर, मनोज बंधवाड़ी, सूबे सिंह बोरा, राजीव यादव कादीपुर, बबिता लाखूवास आदि मौजूद रहे।

युवकों को पकड़ने के लिए पुलिस गांव में जाती है तो करेंगे विरोध
पंचायत के दौरान इस बात का फैसला लिया गया कि मामले में किसी भी आरोपी को दबोचने के लिए कोई भी पुलिसकर्मी किसी गांव में नहीं घुसेगा। अगर पुलिस गांव में जाती है तो उसका विरोध किया जाएगा। अगर पुलिस मुकदमे के नाम पर किसी को परेशान करती है तो इसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ेगा।
पंचायत में आने-जाने वालों की वीडियोग्राफी
सर्व समाज की पंचायत को लेकर पुलिस अलर्ट मोड पर थी। पहले फ्लैग मार्च कर चुकी थी। लोगों को धारा-144 को लेकर जागरूक किया गया था। गांव में घुसने वाले हर मार्ग पर पुलिस नाका लगाया गया था। आने जाने वाले वाहनों की जांच की जा रही थी। उनकी वीडियोग्राफी भी हो रही थी। जांच के दौरान एक कार में डंडे मिले उसके बाद पुलिस ने उसे घेर लिया। बाद में उसे अंदर जाने से मना कर दिया गया

Share
Now