कर्नाटक के बाद अब हैदराबाद में बुर्के को लेकर विवाद हो गया है. शुक्रवार को बुर्का पहनकर परीक्षा केंद्र पहुंचीं छात्राओं ने आरोप लगाया कि केवी रंगा रेड्डी महिला डिग्री कॉलेज के स्टाफ ने उन्हें परीक्षा में बैठने से रोक दिया. मुस्लिम छात्रों ने आरोप लगाया कि परीक्षा देने से पहले उन्हें आधे घंटे तक इंतजार करना पड़ा और बाद में अपना बुर्का हटाकर परीक्षा देनी पड़ी.
मंत्री का विवादित बयान
इसके बाद, जब तेलंगाना के गृह मंत्री मोहम्मद महमूद अली से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने विवादित बयान दे दिया. महमूद अली ने कहा कि महिलाओं को जितना हो सके खुद को ढंकना चाहिए. जब उनसे केवी रंगा रेड्डी कॉलेज में हुई घटना के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि अगर महिलाएं छोटे कपड़े पहनती हैं तो समस्या होती है.
महबूब अली ने कहा, ‘हमारी नीति बिल्कुल धर्मनिरपेक्ष नीति है. हर किसी को अपनी इच्छानुसार ड्रेस पहनने का अधिकार है. लेकिन, किसी को हिंदू या इस्लामी प्रथाओं के अनुसार पोशाक पहनने का अभ्यास करना चाहिए और यूरोपीय संस्कृति का पालन नहीं करना चाहिए नहीं तो हालात खराब होंगे. हमें अपनी पोशाक संस्कृति का सम्मान करना चाहिए. विशेष रूप से, महिलाओं को छोटे कपड़े नहीं पहनने चाहिए और उन्हें जितना हो सके खुद को ढकना चाहिए. कम कपड़े पहनने से परेशानी होती है.’
छात्राओं को नहीं मिली थी अनुमति
आजमपुरा में एक वार्ड कार्यालय के उद्घाटन समारोह में पहुंचे महमदू अली ने कहा कि रंगा रेड्डी कॉलेज की घटना को हम देखेंगे और उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे. दरअसल छात्राएं शुक्रवार को परीक्षा देने के लिए कॉलेज पहुंची थी. आरोप है कि छात्राओं को इस वजह से परीक्षा देने से रोक दिया गया क्योंकि उन्होंने बुर्का पहना हुआ था. इसके बाद जब उन्होंने बुर्का उतारा तब जाकर उन्हें परीक्षा देने की अनुमति मिली.