गुलाम नबी आजाद के सुर हुए तेज़- पार्टी में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं हुए तो अगले 50 साल तक विपक्ष में बैठे रहेंगे:आजाद..

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने एक बार फिर कांग्रेस वर्किंग कमेटी और संगठन के प्रमुख पदों पर चुनाव करवाने पर जोर दिया है। आजाद ने गुरुवार को कहा, “चुने हुए लोग लीड करेंगे तो पार्टी के लिए अच्छा होगा, नहीं तो कांग्रेस अगले 50 साल तक विपक्ष में बैठी रहेगी। हो सकता है कि नियुक्त (अपॉइंट) किए जाने वाले अध्यक्ष को 1% लोगों का भी समर्थन नहीं हो।”

नई दिल्ली: पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को कांग्रेस नेतृत्व में बदलाव के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में से एक गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उनकी मंशा केवल पार्टी को मजबूत बनाने की थी. उन्होंने कहा कि नियुक्त किए गए कांग्रेस अध्यक्ष को पार्टी में एक प्रतिशत भी सपोर्ट नहीं है. नवाब ने आगे कहा कि  अगर चुना हुआ निकाय पार्टी को लीड करता है, तो पार्टी पहले से बेहतर होगी अन्यथा कांग्रेस अगले 50 सालों तक लगातार विपक्ष में ही बैठी रहेगी.

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जो अधिकारी या राज्य इकाई के अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष हमारे प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं, वह अपने पद को खोने से डर रहे हैं. बता दें कि बीते सोमवार को हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में यह पत्र विवाद की बड़ी वजह बना था. 

मेरी मंशा कांग्रेस को मजबूत करने की थी: 
आजाद ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मेरी मंशा कांग्रेस को मजबूत करने की थी. मैं पिछले 34 साल से कार्य समिति में हूं. उन्होंने कहा कि कोई भी कांग्रेसी जिसको कांग्रेस में जरा सी भी रुचि होती वो तो हमारे प्रस्तावों का स्वागत करता. लेकिन कुछ लोग हमारे प्रस्ताव का विरोध करते दिखे. हमने कहा था कि प्रदेश, जिला, ब्लॉक आदि के अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए चुनाव होना चाहिए. कांग्रेस कार्य समिति में भी ऐसा ही होना चाहिए. 

चुनाव लड़ते हैं तो कम से कम 51 प्रतिशत आपके साथ होते हैं:
आजाद ने कहा कि जब आप चुनाव लड़ते हैं तो कम से कम 51 प्रतिशत आपके साथ होते हैं और आप पार्टी के भीतर केवल 2 से 3 लोगों के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं. 51 प्रतिशत वोट पाने वाले शख्स को चुना जाएगा. अन्य को 10 या 15 फीसदी वोट मिलेंगे. जो शख्स जीतता है, उसे पार्टी अध्यक्ष का प्रभार सौंपा जाएगा. इसका मतलब है कि 51 प्रतिशत लोग उसके साथ हैं.

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