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दोस्ती हो तो ऐसी! साथ जिए साथ मरेंगे का वादा किया पूरा राजू श्रीवास्तव के गम में मकबूल ने भी दुनिया को कहा अलविदा….

दिवंगत हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव के जाने के एक महीने बाद ही उनके संघर्ष के दिनों के साथ स्क्रिप्‍ट राइटर मकबूल ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया है। 53 वर्षीय मकबूल ने राजू के गम में शनिवार देर रात 2:35 बजे अंतिम सांस ली। रविवार दोपहर सुजातगंज कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।

श्यामनगर निवासी मकबूल अहमद का राजू से 18 साल पुराना नाता था। उस वक्त राजू बॉलीवुड में पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। उस दौर में मकबूल स्क्रिप्ट राइटर के तौर पर राजू के साथ जुड़े। परिवार में पत्नी आरफा, बेटा ताबीर, बेटी इल्मा और माता-पिता हैं।

गमजदा आरफा ने बताया कि शनिवार रात तक ठीक थे। रात डेढ़ बजे खाना खाया। इसके बाद हल्की खांसी आई। उल्टी हुई और अस्पताल ले जाते समय बीच रास्ते में ही खामोश हो गए। भर्राई आवाज में आरफा ने कहा कि राजू भाई के निधन के बाद से ही गहरे सदमे में थे। शायद राजू भाई को उनकी ज्यादा ही जरूरत थी, इसीलिए उन्हें अपने पास बुला लिया। राजू जब 40 दिन तक अस्पताल में थे तो वहीं डटे थे। वह भी दिल के मरीज थे। उनकी स्थिति को देख डॉक्टरों ने घर जाने की सलाह दी थी। मकबूल का दिल राजू से दूर जाने को नहीं कर रहा था, लेकिन डॉक्टरों ने घर भेज दिया। मकबूल श्यामनगर स्थित घर आ गए थे।

देखते ही रह जाते थे राजू की फोटो
मकबूल के 19 वर्षीय बेटे ताबीर ने बताया कि राजू श्रीवास्तव के जाने के बाद अब्बा कम बात करते थे। कहते थे कि मेरा भाई चला गया। उनकी फोटो देखते ही रह जाते थे। वहीं एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि राजू के स्क्रिप्ट राइटर के निधन पर एक टीम को श्यामनगर भेजा गया था।

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