सहारनपुर, उत्तर प्रदेश — एमपी-एमएलए मामलों की विशेष अदालत ने शनिवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पूर्व एमएलसी महमूद अली को दुष्कर्म के मामले में 12 साल की सजा सुनाई है। साथ ही, सहारनपुर के पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल के तीन बेटों—जावेद, अफजाल और अलीशान को पॉक्सो एक्ट के तहत 5-5 साल की कैद की सजा दी गई है।
क्या है पूरा मामला?
थाना मिर्जापुर क्षेत्र की रहने वाली एक महिला ने 21 जून 2022 को महिला थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। महिला ने आरोप लगाया था कि महमूद अली ने उसके साथ दुष्कर्म किया, जबकि हाजी इकबाल के बेटों ने उसके साथ छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न किया।
पुलिस ने जांच के बाद चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की और मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में चलाया गया।
अदालत का फैसला
विशेष न्यायाधीश मोहित शर्मा की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। सबूतों और गवाहों के आधार पर अदालत ने महमूद अली को दुष्कर्म का दोषी पाया और उन्हें 12 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा उन पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
हाजी इकबाल के बेटों—जावेद, अफजाल और अलीशान—को पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत 5-5 साल की सजा और 2-2 लाख रुपये का जुर्माना सुनाया गया है।
वकील की प्रतिक्रिया और आगे की कार्रवाई
दोषियों के वकील ने फैसले पर असहमति जताते हुए कहा कि मामला झूठे साक्ष्यों पर आधारित है और न्यायालय को गुमराह किया गया है। उन्होंने कहा कि वे इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।
जेल में बंद हैं आरोपी
पूर्व एमएलसी महमूद अली को चित्रकूट जेल में बंद रखा गया है और उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से फैसला सुनाया गया। हाजी इकबाल के तीनों बेटे फिलहाल सहारनपुर जेल में बंद हैं।
वहीं, हाजी इकबाल अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं और उनकी तलाश जारी है।