सुपर पावर से जंग का जज्बा

दज्जल की जंग।

क्या दुनिया की सुपर पावर मुसलमानों के जंगजू के सामने मिट्टी का ढेर हो जाती हैं यह बात साबित हुई सोवियत यूनियन वा अमरीकन – नाटो तालिबान जंग में, इराक सीरिया की जंग में, लीबिया की जंग में और अब इसराइल फिलस्तीन की जंग में। छोटे छोटे जांगज्वो के ग्रुप जिनके पास ना आधुनिक हथ्यार होते है ना ही एयरफोर्स, ना ही नेवी की ताकत बस एक जज्बा गैबी मदद का यकीन और शहादत जो उनको कितनी भी बड़ी ताकत से लोहा लेने के लिए तैयार कर देती है और जीत उनका मुककदर और पसपाई दुनियां के सुपर पावर का मुककदर। चाहे उन्होंने अफगानिस्तान, इराक, सीरिया, लीबिया और अब फिलस्तीन पर वहशियाना बमबारी की हो, बयालीस मुल्कों के संग मिलकर जंग लड़ी हो मगर एक छोटे से ग्रुप ने उनको लड़ाई में हमेशा नामुराद और नाकाम किया है इसकी वजह लड़ाई के लिए उनका झूठा प्रचार और इस्लाम से नफरत होती है। इस जंग को कभी इस्लाम के खिलाफ क्रुसेड, कभी होली वॉर, कभी धर्म युद्ध का नाम दिया जाता है मगर इसकी बुनियाद झूठ पर होती है इसका साक्ष्य हमने और सारी दुनियाबके लोगो ने अफगानिस्तान की जंग में, इराक की जंग में, लीबिया की जंग में और अब फिलस्तीन इसराइल की जंग में देखा कि इराक़ से कोई भी वेपन ऑफ मास डिस्ट्रक्शन नही मिला, सद्दाम हुसैन को सत्ता से बेदखल करना शायद अमेरिका बहादुर को पालिसी थी इसी तरह अफ़ग़ानिस्तान में ओसामा बिन लादेन और तालिबान को खत्म करना शायद उनकी पालिसी का हिस्सा थी मगर सच्चाई यह है कि तालिबान का वजूद अमेरिका द्वारा बनाया गया उसामा बिन लादेन, सद्दाम हुसैन को सीआईए से दूसरे ग्रुप को खत्म करने के लिए बाकायदा ट्रेन किया गया मगर जब उनसे अपना मकसद पूरा कर लिया गया तो उनको इस झूठ के मकड़जाल में फसा कर खत्म कर दिया गया। यह सुपर पॉवर की पॉलिसी का हिस्सा है कि किस तरह मुल्कों को अपना गुलाम बनाना है।

” साम, दाम, दंड, भेद”

मगर इन सब शीतानी चालों के ऊपर अल्लाह का वादा हैं की कामयाबी सिर्फ मोमिन के लिए है अब वह चाहे दुनियां की कामयाबी हो या आखिरत की कामयाबी। इसलिए इस्लामी जंगजू हमेशा कामयाब होता है चाहे वह जंग किसी के भी साथ हो अगर वो इस्लाम की बका के लिए है।

मौजूदा जंग किबला अव्वल, बैतूल मकदिस और फिलस्तीन के साथ इंसाफ की जंग है इससे यहूदी कौम की इंसानियत के खिलाफ दरिंदगी का भी मजहर होना है ताकि उनकी उम्म्त मुस्लिमा द्वारा दी जाने वाली सजा का जवाज़ कायम हो सके चूंकि इस बार कौम यहूद को उम्मत मुस्लिमा सजा देगी और दज्जाल के साथ कौम यहूद का खात्मा पेशगोई है इसलिए अल मा हतूमुल उजमा, Armageddon का और आखरी जंग के लिए इसराइल रास्ता हमवार कर रहा है।

यह पेशगोई भी पूरी हो रही है कि जंग इतनी शदीद होगी कि अगर नफीस परिंदा भी भूख की वजह से ज़मीन पर गिरेगा तो वह भी इंसानी लाश होगी। मौजूदा जंग मिड ईस्ट में शुरू हुई है और आहिस्ता आहिस्ता उस तरफ बढ़ रही है कि अब जल्दी खुरूज दज्जाल का वक्त करीब आ गया है कि दुनिया में दज्जल, झूठ और फरेब का बोलबाला है और मौजूदा इसराइल फिलस्तीन की जंग इसका हो हिस्सा है।

आपका,
खुर्शीद अहमद,
37, प्रीति एनक्लेव माजरा देहरादून उत्तराखंड।

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