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UP Election के बीच फेक न्यूज बनी पुलिस के लिए मुसीबत, मिले इतने मामले की उड़े होश…..

आचार संहिता लागू होने के बाद सोशल मीडिया पर ऐसे मामलों की संख्या बढ़ गई है, जिसमें फेक न्यूज फैलाई जा रही है. 150 से अधिक मामलों में पुलिस को एफआईआर तक दर्ज करनी पड़ी है.

उत्तर प्रदेश में इस बार हो रहा विधानसभा चुनाव कई मामलों में अलग है. कोरोना के चलते प्रचार का सशक्त माध्यम सिर्फ सोशल मीडिया रह गया है. चुनाव आयोग के रैलियों पर रोक लगाने के कारण अब सोशल मीडिया ही प्रचार और माहौल बनाने का हथियार बन गया है. कौन कहां ट्रेंड कर रहा है किस घटना से जनता में कहां पर वोट का ध्रुवीकरण होगा. इस तरह की कोशिशें की जा रही हैं.

इन तमाम कोशिशों के बीच उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए भी चुनौती बढ़ गई है. आचार संहिता लागू होने के बाद सोशल मीडिया पर 700 से अधिक मामले सोशल मीडिया पर सामने आ चुके हैं, जिनमें 150 से अधिक मामलों में पुलिस को एफआईआर तक दर्ज करनी पड़ी है. पुलिस के लिए दिन-ब-दिन सोशल मीडिया के जरिए फेक न्यूज की चुनौती बढ़ती जा रही है.

2 साल पुराने मामले को वायरल किया

हाल ही में एटा का 2 साल पुराना वीडियो, जिसमे एक बच्चे को पुलिस अधिकारी पीट रहे हैं. उस पुराने वीडियो को ताजा वीडियो बताकर यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली और प्रदेश सरकार पर सवाल खड़े किए गए. यूपी पुलिस की सोशल मीडिया ने वायरल हो रहे वीडियो की असलियत का पता लगाया तो  मामला 2 साल पुराना निकला. यूपी पुलिस ने अपने up police fact check के हैंडल से सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी साझा की.

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