रैली में उत्साहित ठाकरे का बड़ा बयान ! बोले चुनाव आयोग को मोतियाबिंद की बीमारी……

शिवसेना (बाला साहेब ठाकरे) गुट के प्रमुख और पूर्व CM उद्धव ठाकरे 23 अप्रैल को जलगांव जिले के पाचोरा पहुंचे। उन्होंने यहां जलगांव जिले के कट्टर शिवसैनिक के रूप में चर्चित पूर्व विधायक तात्या पाटिल की प्रतिमा के अनावरण समारोह में भाग लिया। बाद में उद्धव ठाकरे ने सभा को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जलगांव में जो माहौल है, उससे यह पता चल गया शिवसेना असली किसकी है। पाकिस्तान को पूछा जाएगा वो भी बता देगा शिवसेना किसकी है। लेकिन हमारी पार्टी के कई लोगों को मोतियाबिंद हो गया है। चुनाव आयोग को मोतियाबिंद हो गया है। ​​​​​​शिवसेना किसकी है यह चुनाव आयोग को समझ नहीं आता है।

आपने जिन्हें चुना दिया वो गद्दार निकल गए
उद्धव ने कहा कि शिवसेना से 40 गद्दार गए उससे कुछ फर्क नही पड़ता है। आपने जिन्हें चुना दिया वो गद्दार निकल गए। लेकिन उन्हें चुनने वाले मेरे साथ हैं। इन्हें जिस तरह घोड़े पर चढ़ाया उसी तरह उतारने का समय आ गया है। सच बोलो तो पुलिस पीछे लगा दी जाते है। मैं पुलिस से कहना चाहूंगा तुम भी किसान के बेटे हो महाराष्ट्र की शिंदे फडणवीस सरकार मतलब संकट, सरकार आते ही बारिश से किसानों की फसल बर्बाद हुई।वो बाप बदलते हैं और चुराते हैं।

गद्दारों की औलाद हमारी नहीं हो सकती है। भाजपा मेरे लिए चुनौती नहीं है भाजपा से होने वाला नुकसान हमारे लिए चुनौती है।

ठाकरे ने कहा ये लोग मुझ पर आरोप लगाते हैं कि मैंने अपने घर से सरकार चलाई। हां, मैंने अपने घर से सरकार चलाई लेकिन आप एक जगह से दूसरी जगह घूमते हुए भी उस तरह से नहीं चल सकते। हम यहां सिर्फ राजनीति के लिए नहीं बल्कि लोगों की सेवा के लिए हैं।

अडाणी पर जवाब कौन देगा
उन्होंने कहा कि किसान आत्महत्या कर रहे हैं। पुलवामा हमले को लेकर सत्यपाल मलिक ने सही कहा तो उनके पीछे सीबीआई लगा दी। राजनीति फायदे के लिए सैनिकों का इस्तेमाल किया गया। राहुल गांधी ने अडानी पर प्रश्न पूछा उसका जवाब कौन देगा ? प्रधानमंत्री का दोस्त दूसरे नंबर का अमीर कैसा हुआ? विपक्ष का नेता सवाल पूछता है तो जेल में डाल दिया जाता है, कितने लोगों को जेल में डालोगे, एक बार जेल भरो आंदोलन ही करते हैं। महंगाई अभी भी कम नहीं हुई है।

हिंदुत्व क्या है बीजेपी को मालूम ही नहीं
हमने हिंदुत्व कभी नहीं छोड़ा न ही छोड़ेंगे। भाजपा वाले बताएं उनका हिंदुत्व कैसा है। हिंदुत्व क्या है बीजेपी को मालूम ही नहीं है। राज्य में महिलाओं पर केस किया जा रहा है। वैशाली शिंदे को मारा पीटा गया है यही तुम्हारा हिंदुत्व है क्या?

चुनाव कभी भी हो सकते हैं। भाजपा वाले जाहिर करें शिंदे के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे क्या? तुम चुराया हुआ धनुष-बाण लेकर आओ, मैं अपना नाम और मशाल लेकर आऊंगा। देखते हैं महाराष्ट्र किसे वोट करता है। अभी चुनाव करा लीजिए हमारी तैयारी पूरी है। हम संयम बरत रहे हैं, इसका मतलब नामर्द नहीं हैं।

सभा का महत्व इसलिए
सभा इसलिए खास रही क्योंकि एकनाथ शिंदे की बगावत के समय जलगांव जिले के पांचों विधायक शिंदे गुट में चले गए थे। यह जिला शिवसेना का गढ़ माना जाता रहा है।
उद्धव की पाचोरा में सभा को लेकर उनके गुट ने एक टीजर जारी किया था।सभा को लेकर ठाकरे गुट के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में उत्साह था।
पूर्व विधायक आर. ओ पाटिल की बेटी और ठाकरे गुट की नेता वैशाली सूर्यवंशी ने इस सभा का आयोजन किया था। शिवसेना में बगावत के बाद जलगांव जिले से शिवसेना के सभी पांच विधायक शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं। इस घटना के बाद जलगांव जिले में ठाकरे गुट में बड़ी दरार देखने को मिली थी। इसके बाद बाकी कार्यकर्ताओं और नेताओं का हौसला बढ़ाने के लिए उद्धव तात्या पाटिल की प्रतिमा के अनावरण समारोह में शामिल हुए हैं।
उद्धव ठाकरे छत्रपति संभाजीनगर, खेड़, मालेगांव में भी जनसभाएं कर चुके हैं। पार्टी प्रमुख उद्धव ने पहले की सभाओं में राज्य सरकार को खूब घेरा है। महंगाई और बेरोजगारी के साथ-साथ किसानों के मुद्दे पर भी राज्य सरकार पर निशाना साधा है।
जलगांव जिले से शिवसेना के पांच विधायक शिवसेना शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं। इसमें पचोरा के किशोर पाटिल भी शामिल हैं। किशोर अप्पा पाटिल के शिंदे समूह में शामिल होने के बाद, उनकी बहन वैशाली सूर्यवंशी ने उद्धव ठाकरे समूह की बागडोर अपने हाथ में ले ली और अपने भाई को राजनीतिक रूप से चुनौती दे रही हैं।

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