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एनकाउंटर स्पेशलिस्ट IPS अजय पाल शर्मा ट्रांसफर पोस्टिंग मामले में पत्रकार सहित बरी! विजिलेंस नहीं साबित कर पाई…..

आईपीएस अजय पाल शर्मा के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के मामले में कोई सबूत नहीं मिले हैं. ऐसे में विजिलेंस ने कोर्ट में एफआर पेश किया है. इसमें आईपीएस अजय पाल समेत सभी चार आरोपी बरी हो गए हैं

ट्रांसफर पोस्टिंग मामले में IPS अजयपाल शर्मा बरी हो गए हैं. मेरठ कोर्ट में विजिलेंस टीम ऐसा कोई सबूत पेश नहीं कर पायी है, जिसमें उनके ऊपर कोई चार्ज तय किया जा सके. आईपीएस अजय पाल शर्मा के साथ इस मामले में नामजद पत्रकार चंदन राय और अन्य लोगों को भी अदालत ने बरी किया है.

नोएडा के तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्णा की शिकायत पर तीन साल पहले विजिलेंस ने मामला दर्ज किया था. मामले की सुनवाई मेरठ एंटी करप्शन कोर्ट में हो रही थी.जानकारी के मुताबिक नोएडा के तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण के खुलासे के बाद उत्तर प्रदेश में हड़कंप मच गया था. इस खुलासे का आधार नोएडा के पूर्व एसएसपी अजयपाल शर्मा और चंदन राय के बीच हुई बातचीत के ऑडियो को बनाया गया था.

यह बातचीत मेरठ में पोस्टिंग को लेकर थी और इसमें 80 लाख रुपये के लेनदेन की बात सामने आई थी. इस संबंध में कुल नौ ऑडियो टेप सामने आए थे. शासन स्तर पर मची हलचल के बाद एसआईटी गठित हुई. एसआईटी ने आरोपों को सही माना और मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी गई. तीन साल तक जांच करने के बाद अब विजिलेंस ने कोर्ट में अंतिम रिपोर्ट सौंपी है.

इनके खिलाफ था मामला
मेरठ के विजिलेंस थाने में दर्ज इस मामले में आईपीएस अजयपाल शर्मा के अलावा पत्रकार चंदन राय, स्वपनिल राय और अतुल शुक्ला को आरोपी बनाया गया था. इनके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में सितंबर-2020 में केस दर्ज हुआ. सबूत के तौर पर नौ ऑडियो टेप पेश किए गए. हालांकि तीन साल तक चली विजिलेंस की जांच में इन ऑडियो टेप की पुष्टि नहीं हो सकी. ना ही इसके संबंध में कोई नया तथ्य ही सामने आया.

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