Join WhatsApp Group Join WhatsApp Group

भारी बारिश से तबाही, 34 लोगों की मौत, PM मोदी बोले- फंसे लोगों को बचाने के प्रयास जारी…..

उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा को देखते हुए अलग-अलग जगहों पर एनडीआरएफ की 15 टीमें तैनात की गई हैं जबकि मरने वालों की संख्या 30 के पार जा चुकी है. बड़ी संख्या में फंसे लोगों को रेस्क्यू भी किया गया है.

उत्तराखंड में एक बार फिर बारिश, बादल फटने और अचानक आई बाढ़ की वजह से तबाही मची है. राज्य के कई हिस्सों में इस नई प्राकृतिक आपदा में मरने वालों का आंकड़ा 34 तक पहुंच चुका है. सरकार आपदा से त्रस्त लोगों की मदद करने का ऐलान किया है. नैनीताल और अन्य क्षेत्रों से कई ऐसे वीडियो सामने आए हैं, जिसमें सड़कों और पुलों से पानी बहता दिख रहा है. यही नहीं रेल की पटरियां तक बह गई हैं.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में हुई भारी बारिश के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अब तक 34 की मौत हो चुकी है जबकि 5 लोग लापता हैं. मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. और घर गंवाने वालों को 1.9 लाख रुपये दिए जाएंगे. जिन लोगों ने अपना पशुधन खो दिया है, उन्हें भी हर संभव मदद दी जाएगी.

PM मोदी ने जताया शोक

उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शोक जताया. उन्होंने कहा, ‘उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा के कारण लोगों की जान जाने से मैं व्यथित हूं. घायल शीघ्र स्वस्थ हों. प्रभावित लोगों की मदद के लिए बचाव कार्य जारी है. मैं सभी की सुरक्षा और भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं.’

डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि रामनगर-रानीखेत मार्ग स्थित लेमन ट्री रिजॉर्ट में फंसे करीब 200 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. लगातार बारिश से अब तक 24 से 25 लोगों की मौत हो चुकी है. सबसे ज्यादा हताहत नैनीताल जिले में हुई. इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया था कि पिछले दो दिनों में कुल 16 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य बादल फटने और भूस्खलन के बाद मलबे में दबे हुए हैं.

मौसम विभाग की ओर से जारी सूचना के मुताबिक पिछले 24 घंटे में भारी बारिश से बहुत भारी बारिश हुई है. नैनीताल में 401 एमएम बारिश दर्ज हुई है जबकि पिथौरागढ़ में 212.1 एमएम, मुक्तेश्वर 340.8 एमएम बारिश हुई है.

वहीं नैनीताल जिले के रामगढ़ इलाके में बादल फटने की खबर है और इस घटना में कई मजदूरों के बह जाने की आशंका जताई गई है. दूसरी ओर, कई ऐसे वीडियो आए हैं जिसमें दिख रहा है कि नैनी झील उफना गई है और सड़कों, कॉफी की दुकानों और आसपास के कई क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न दिखाई दे रहे हैं.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारी बारिश के कारण बनी स्थिति के दृष्टिगत जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं, मैं व्यक्तिगत रूप से जगह-जगह जाकर नुकसान एवं राहत और बचाव कार्यों का जायजा ले रहा हूं.

Share
Now