दिल्ली: कोर्ट ने कहा- तबलीगी जमात के लोगों के खिलाफ नही है सबूत- आरोप मुक्त आठ को किया बरी…

दिल्ली की एक अदालत ने साकेत जिला कोर्ट में ट्रायल का सामना कर रहे तबलीगी जमात से जुड़े आठ लोगों को सोमवार (24 अगस्त, 2020) को आरोपमुक्त कर दिया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ कोई भी प्रथम दृष्टया सबूत नहीं है। आरोपमुक्त किए गए आठ लोगों में से दो इंडोनेशिया से, एक किर्गिस्तान से, दो थाईलैंड से, एक नाइजीरिया से, एक कजाकिस्तान से और एक व्यक्ति जॉर्डन से है।

मार्च महीने में निजामुद्दीन मरकज के कोरोना हॉटस्पॉट के रूप में उभरने के बाद तबलीगी जमात के लोग सुर्खियों में थे। वीजा शर्तों का उल्लंघन करने और मिशनरी गतिविधियों में लिप्त होने और सरकार के कोरोना वायरस संक्रमण के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने के कारण दिल्ली पुलिस ने 955 विदेशियों को आरोप पत्र सौंपा गया था। इनमें से बहुत से लोगों ने याचिकाएं दायर कीं थी और अपने देश लौट गए थे। हाालंकि 44 लोगों ने दिल्ली में खुद के खिलाफ लगाए आरोपों का सामना करने का फैसला लिया था।

अदालत बाकी के 36 को विदेशी अधिनियम की धारा 14 और आईपीसी की धारा 270 और 271 के तहत के तहत आरोपमुक्त कर चुकी है। हालांकि ये अभी भी महामारी अधिनियिम, आपदा प्रबंधन अधिनियम और आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत खुद पर लगे आरोपों का सामना कर रहे हैं।

इधर चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहन कौर ने आठ तबलीगियों को आरोपमुक्त करते हुए कहा, ‘संपूर्ण चार्जशीट और संलग्न दस्तावेज उस अवधि के दौरान ना तो उनकी उपस्थिति दिखाते हैं और ना ही उनके मरकज के कार्यक्रम में भाग लेने के बारे में पता चलता है।’ कोर्ट ने आगे कहा कि जैसा आरोप है, मगर यह बताने के लिए रिकॉर्ड में कोई दस्तावेज भी नहीं है कि वह तबलीग के काम में शामिल प्रतिभागियों में से एक थे।

कोर्ट ने आगे कहा कि ना तो रजिस्टर की कॉपी जब्त की गई और ना ही रिकॉर्ड पर रखा गया। इसके अलावा ना ही एसडीएम की सूची में ऐसे लोगों का रिकॉर्ड उपलब्ध कराया गया जो मरकज से हॉस्पिटल या क्वारंटाइन सेंटर भेजे गए थे। ना उन लोगों की लिस्ट दी गई जो मरकज का हिस्सा थे और उन्हें कोरोना की पुष्टि हुई। (सौरव रॉय बर्मन के इनपुट्स के साथ)

विस्तार से जानें क्या है तबलीगी जमात…

दिल्ली के निजामुद्दीन में बंगले वाली मस्जिद में तबलीगी जमात का मरकज है. तीन एकड़ से ज्यादा में फैले तबलीगी जमात के मरकज की सात मंजिली इमारत में करीब 10 हजार लोग एक साथ ठहर सकते हैं. इतना ही नहीं 6 हजार के करीब लोग एक साथ नमाज पढ़ते हैं. हर रोज यहां दोपहर और शाम को करीब दो हजार लोग हर रोज खाना खाते हैं. विदेश से आने वाले लोगों को नास्ता भी दिया जाता है. इसका सारा खर्च तबलीगी जमात मरकज उठाता है.

बंगले वाली मस्जिद में मौलाना इलियास कांधलवी ने 1927 में तबलीगी जमात का गठन किया था. इसीलिए इस जगह को तबलीगी जमात का मुख्यालय के तौर पर स्थापित किया गया. यहीं से देश और दुनिया भर के लिए जमातें निकलती हैं. तबलीगी जमात चंदे पर निर्भर नहीं है, अपना पैसा लगाते हैं और अपने पैसों से जाते हैं.

तबलीगी जमात पूरी तरह से इस्लामी (धार्मिक) संगठन है, जो इबादत को अहमियत देता है. इस संगठन का मुस्लिम समाज के किसी आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक गतिविधियों से मतलब नहीं होता है. ये सिर्फ और सिर्फ इस्लाम का प्रचार मुसलमानों के बीच करती है.

तबलीगी जमात के सदस्यों में बड़ी तादाद मुसलमानों के कम पढ़े-लिखे तबके की है. हालांकि, बिजनेसमैन, इंजीनियर, डॉक्टर और साइंटीस्ट भी तबलीगी जमात से जुड़े हए हैं. तबलीगी जमात यानी मुस्लिमों में ऐसे लोगों का समूह जो धर्म के प्रचार-प्रसार को समर्पित हो. ये इस्लाम की देवबंदी विचार धारा से प्रभावित और प्रेरित है.

इस्लाम के छह उसूल ही तबलीगी जमात का मुख्य मकसद

1. कलमा- ईमान यानी पूरी तरह खुदा पर भरोसा करना और नबी के बताए हुए रास्ते पर चलना

2. नमाज- मुसलमान कोदिन में पांच बार नमाज पढ़ना जरूरी

3. इल्म – इल्म ओ जिक्र यानी इस्लाम धर्म से संबंधित बातें करना और उन्हें सुनना

4. इकराम-ए-मुस्लिम- इसका मतलब है कि मुसलमानों का आपस में एक-दूसरे का सम्मान करना और मदद करना

5. इख्लास-ए-नीयत- इसका मतलब साफ है कि इंसान को नीयत का साफ होना चाहिए

6. दावत-ए-तबलीग- अपने कामों से दूर होकर खुद इस्लाम सीखना और लोगों को इस्लाम की दावत देना

तबलीगी जमात का काम

जमात शब्द का मतलब किसी एक खास मकसद से इकट्ठा होने वाले लोगों का समूह है. तबलीगी जमात के संबंध में बात करें तो यहां जमात ऐसे लोगों के समूह को कहा जाता है जो कुछ दिनों के लिए खुद को पूरी तरह तबलीगी जमात (इस्लाम की राह में) को समर्पित कर देते हैं. जमात के लोग गांव-गांव, शहर-शहर, घर-घर जाकर लोगों के बीच कुरान शरीफ और हदीस की सही जानकारी देते हैं. इसके अलावा कलमा, नमाज-रोजा के बारे में लोगों को सिखाते हैं.

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