देहरादून। अगर लोनिवि की योजना परवान चढ़ी तो दून में एलिवेटेड रोड (उठी हुई सड़क) की पहली परियोजना धरातल पर उतर पाएगी। लोनिवि ने रिस्पना और बिंदाल नदी पर एलीवेटेड रोड के निर्माण की योजना बनाई है। इसके लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने को राष्ट्रीय स्तर पर टेंडर भी आमंत्रित कर लिए गए हैं। अगस्त माह में कंपनी का चयन कर फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
यह योजना इस पर्यटन सीजन में मसूरी जाने वाले पर्यटकों की भारी भीड़ से देहरादून शहर के भीतर तक लगे जाम के चलते तैयार की गई है। पहली एलिवेटेड रोड विधानसभा के पास रिस्पना पुल से शुरू होकर राजपुर रोड से सटे नागल पुल पर जुड़ेगी। दूसरी एलिवेटेड रोड पटेलनगर क्षेत्र में लालपुल से शुरू होगी। यह रोड न्यू कैंट रोड के हाथीबड़कला जंक्शन पर जुड़ेगी। दोनों रोड का मकसद बाहर से आने वाले वाहनों को शहर में प्रवेश कराए बिना मसूरी रोड से जोडऩे की है। इससे शहर के भीतर बाहरी क्षेत्रों के वाहनों का अनावश्यक प्रवेश भी थम पाएगा। फिजिबिलिटी रिपोर्ट के लिए जिस भी एजेंसी का चयन किया जाएगा, उसे रिपोर्ट तैयार करने को अधिकतम दो माह का समय दिया जाएगा।
नदी के दोनों किनारों को कवर करते हुए होगा निर्माण
लोनिवि के विभागाध्यक्ष हरिओम शर्मा ने बताया कि एलिवेटेड रोड का निर्माण रिस्पना व बिंदाल नदी के दोनों किनारों पर पिलर खड़े कर किया जाएगा। यह सड़क पिलर पर फ्लाईओवर की शक्ल में तैयार की जाएगी।
सड़कों की यह होगी लंबाई
नाम, लंबाई
रिस्पना पुल से नागल पुल, 10.80 किलोमीटर।
लालपुर से हाथीबड़कला जंक्शन, 7.35 किलोमीटर।
फोरलेन बनेगी एलीवेटेड रोड
लोनिवि के विभागाध्यक्ष हरिओम शर्मा ने बताया कि योजना के मुताबिक दोनों एलिवेटेड रोड का निर्माण अगले 50 से 100 साल की जरूरत को देखते हुए फोर लेन में किया जाएगा।
राज्य और केंद्र की एजेंसी अधिकृत
फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने के लिए लोनिवि ने टेंडर में किसी भी राज्य सरकार या केंद्र सरकार के उपक्रम या पुल संबंधी कार्यों के लिए इम्पैनल्ड (सूचीबद्ध) एजेंसी को अधिकृत किया है। यानी कि टेंडर में सिर्फ यही एजेंसी प्रतिभाग कर सकेंगी।
मालसी जू के पास जर्जर पुल की जगह बनेगा नया पुल
मसूरी रोड पर वाहनों की भारी आवाजाही को देखते हुए 60 साल से अधिक समय पुराने पुल की जगह एक-क्लास लोडिंग की क्षमता वाले नए स्टील गर्डर पुल का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए भी लोनिवि प्रांतीय खंड ने टेंडर आमंत्रित कर लिए हैं। इसके तहत संबंधित कंपनी स्थल का टोपोग्राफिकल सर्वेक्षण, तकनीकी सर्वेक्षण, स्ट्रक्चरल डिजाइन और डीपीआर तैयार करेगी। शासन की ओर से निर्धारित आइआइटी से इनका परीक्षण भी कराना होगा। इस काम को पूरा करने के लिए चार माह का समय दिया गया है।