गोकशी का मामला निकला फर्जी अब गौरक्षको और पुलिस के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश…..

आपको बता दे की गुजरात की एक अदालत ने गोहत्या के मामले में दो मुस्लिम युवकों को बरी कर दिया है और गौरक्षकों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। यह मामला जुलाई 2020 में दर्ज किया गया था, जब पुलिस ने दो लोगों को गाय, भैंस और भैंस के बछड़े को ले जाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। अदालत ने पाया कि पुलिस की शिकायत पूरी तरह से झूठी थी और आरोपियों को गलत तरीके से हिरासत में रखा गया था। अदालत ने यह भी कहा कि गौरक्षकों और पुलिसकर्मियों ने मिलकर आरोपियों के खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया था।

साथ ही अदालत ने तीन पुलिस अधिकारियों और दो पंच गवाहों के खिलाफ धारा 248 बीएनएस अधिनियम के तहत आपराधिक शिकायत दर्ज करने का आदेश दिया है। इसके अलावा, अदालत ने पुलिस अधीक्षक को दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया है। यह मामला गुजरात के पंचमहल जिले का है, जहां गोहत्या के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। अदालत के इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि पुलिस और गौरक्षकों ने मिलकर आरोपियों के खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया था।

आपको बता दे की अदालत ने कहा कि आरोपी व्यक्ति (नजीरमिया सफीमिया मालेक और इलियास मोहम्मद दावल) मुआवजे के भी हकदार हैं, और इसलिए, वे राज्य, दोषी पुलिस अधिकारियों और पंच गवाहों के खिलाफ मुआवजे के लिए अलग-अलग कार्यवाही करने के लिए स्वतंत्र हैं।

रिपोर्ट:- कनक चौहान

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