Covid-19 : उत्तराखंड में फिर फैलाने लगा कोरोना अपने पैर, महाकुंभ में बना हुआ है संकट….

उत्तराखंड में एक बार फिर कोरोना रफ्तार पकड़ने लगा है। रविवार को महीनों बाद 137 कोरोना संक्रमण के केस सामने आए। जनवरी के बाद ये ऐसा पहला मौका था जब इतने बड़े पैमाने पर कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए। इससे पहले उत्तराखंड में 17 से 23 जनवरी के बीच एक हफ्ते में 895 केस आए थे। बाद के हफ्तों में ये ग्राफ लगातार गिर रहा था। यानी कि कोरोना का संक्रमण कम होता जा रहा था। आंकड़े देखें तो फरवरी (February) आते-आते कोरोना पॉजिटिव केसों की संख्या और कम हो गई। 14 से 20 फरवरी के बीच एक हफ्ते में मात्र 109 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए थे। उसके बाद फिर ग्राफ बढ़ना शुरू हुआ और 21 से 27 फरवरी के बीच 242 केस सामने आए।

इसी तरह 28 फरवरी से 6 मार्च के बीच 414 केस सामने आए। 7 से 13 मार्च के बीच 391 नए केस आए। लेकिन इस हफ्ते कोरोना संक्रमण एक बार फिर रफ्तार पकड़ते हुए नजर आ रहा है। रोज सौ के आसपास या फिर 100 से अधिक केस सामने आने लगे है। 14 से 20 मार्च के इस करंट वीक में अभी तक 557 केस सामने आ चुके हैं। एक हफ्ते में जनवरी के बाद सर्वाधिक केसों का आंकड़ा है। उत्तराखंड में कोरोना पॉजिटिव का कुल आंकड़ा 98 हजार के पार जा चुका है। इनमें से 861 केस अभी भी एक्टिव हैं। उत्तराखंड में अभी तक कोरोना वायरस से 1704 लोगों की मौत हो चुकी है।

राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगी :
इधर, हरिद्वार में महाकुंभ चल रहा है। महाकुंभ के मद्देनजर कोरोना के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। कुंभ में नेगी रिपोर्ट लाने की बाध्यता सरकार पहले ही खत्म कर चुकी है। इससे चिंतित केंद्र सरकार ने  राज्य सरकार को पत्र भेजकर कुंभ में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने के निर्देश दिए हैं। केंद्रीय हेल्थ सेक्रेटरी ने पत्र में कहा है कि महाकुंभ में प्रतिदिन 50 हजार रैपिड एंटीजन टेस्ट कराए जाने चाहिए। साथ ही करीब 5 हजार के आसपास कोरोना के आरटीपीसीआर टेस्ट कराने की भी सलाह दी गई है। लेकिन , सवाल उठता है कि क्या राज्य  सरकार के पास इतने संसाधन मौजूद हैं। क्योंकि पूरे उत्तराखंड में प्रतिदिन करीब 10000 के आसपास  आरटीपीसीआर टेस्ट हो रहे हैं। अकेले महाकुंभ में 1 दिन में 5 हजार आरटीपीसीआर टेस्ट कराना राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।

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