छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल के गड्ढे में गिरे मासूम को 104 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद निकाल लिया गया। मासूम 80 फीट की गहराई वाले गड्ढे में गिरा था और 65 फीट की गहराई में फंस गया था
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल के गड्ढे में गिरे मासूम को 104 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद निकाल लिया गया। मासूम 80 फीट की गहराई वाले गड्ढे में गिरा और 65 फीट में फंस गया था। बच्चे को निकालने सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, जिला प्रशासन, स्वास्थ्य, बिजली विभाग सहित कुल 500 की टीम लगी हुई थी। बोर के समानांतर पहले गड्ढा खोदा गया, उसके बाद 20 फीट सुरंग बनाकर राहुल का रेस्क्यू किया गया। पत्थर की वजह से सुरंग बनाने में रेस्क्यू टीम को भारी मशक्कत करनी पड़ी। बिलासपुर से छोटी ड्रील मशीन मंगाकर टनल बनाया गया। राहुल को बोरवेल से निकालने के बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर बिलासपुर अपोलो अस्पताल भेजा गया है। छत्तीसगढ़ के इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन है, जो 104 घंटे से अधिक समय तक चला।
बता दें कि जांजगीर-चांपा जिले के मालखरौदा के पिहरीद गांव में 11 साल का राहुल साहू 10 जून को खेलते-खेलते घर के पीछे की तरफ चला गया। राहुल के पिता रामकुमार उर्फ लाला साहू ने घर की बाड़ी में बोर खुदवाया था। वह बोर फेल हो गया था, जिसे खुला छोड़ दिया गया था। इसी बोरवेल के गड्ढे में राहुल गिर गया। परिजन जब बाड़ी की तरफ गए तो बच्चे की रोने की आवाज आई, जिसे सुनकर परिजनों को घटना की जानकारी हुई। पुलिस को सूचना दी गई। घटना की जानकारी मिलते ही कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला, एसपी विजय अग्रवाल, एसडीएम रेना जमील, एएसपी अनिल सोनी, तहसीलदार सहित जिला व पुलिस प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। पहले बच्चे को रस्सी को रस्सी के सहारे निकालने का प्रयास किया गया, कोई सफलता नहीं मिलने पर दुर्ग-भिलाई, रायपुर, बिलासपुर सहित दूसरे राज्यों ओडिशा, गुजरात, आंध्र प्रदेश से रेस्क्यू टीम को बुलाया गया। 5 दिनों की मेहनत आखिर रंग लाई और राहुल को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।