बदमाश को पकड़ने गयी नॉएडा पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग में कांस्टेबल की मौत, अब हुआ एक्शन…..

दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रविवार रात पुलिस के एक जांबाज कांस्टेबल की हत्या कर दी गई। गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र में एक अपराधी को पकड़ने गई नोएडा पुलिस की टीम पर पथराव और गोलीबारी की गई। तब फरार हो गए कादिर को पुलिस को गाजियाबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

गाजियाबाद के मसूरी में नोएडा पुलिस के सिपाही सौरभ की हत्या के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। नोएडा पुलिस की सात कर्मियों की टीम कादिर को पकड़ने गई थी तभी भीड़ ने हमला कर दिया। हमले में सिपाही सौरभ को गोली लगी और अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने कादिर और उसके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

गाजियाबाद। मसूरी के नाहल में नोएडा पुलिस के सिपाही सौरभ की हत्या मामले में आज सोमवार सुबह छह बजे मसूरी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। नोएडा फेस तीन थाने के दारोगा सचिन राठी की तहरीर पर दर्ज मुकदमे में बताया गया है कि सात पुलिसकर्मी नाहल गांव में आरोपित कादिर को पकड़ने गई थी। इनमें पुलिस टीम में दारोगा उदित सिंह, निखिल, सिपाही सचिन, सौरभ, संदीप कुमार और सोनित भी शामिल थे।

पुलिस टीम को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कादिर गांव में मौजूद है। मुखबिर ने पुलिस को यह भी बताया था कि कादिर एक आदतन अपराधी है और पुलिस को देखकर भाग सकता है, और गांव में कई आपराधिक प्रवृत्ति के लोग रहते हैं।

कादिर ने लोगों को उकसाया

जैसे ही पुलिस टीम ने कादिर को पकड़ने की कोशिश की, उसने और वहां मौजूद अन्य लोगों ने पुलिस का विरोध करना शुरू कर दिया। कादिर ने लोगों को उकसाया कि पुलिस उसे पकड़कर ले जा रही है और उन्हें मारने के लिए कहा। इसके बाद भीड़ उग्र हो गई और पुलिस टीम पर हमला कर दिया।

हमलावरों ने पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग की और पथराव भी किया। कॉन्स्टेबल सौरभ को सिर में गोली लगी और वह गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि कॉन्स्टेबल सोनित भी घायल होकर गिर गए। पुलिस टीम ने अपनी जान बचाने और कादिर को वहां से निकालने की कोशिश की।

घायल कॉन्स्टेबल सौरभ को तत्काल यशोदा अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कॉन्स्टेबल सोनित का इलाज चल रहा है। कादिर और उसके साथियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 191(2), 191(3), 190, 131, 125, 121(2), 132, 109(1), 103(1), 61(2), 50, 351(3) और आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 1932 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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