अलका लांबा के बयान पर मचे बवाल के बाद कांग्रेस ने किया खंडन! कहां सीटों को लेकर कोई चर्चा …..

लोकसभा चुनाव में 190 दिन बचे हैं. मगर अबतक विपक्ष एकजुटता की कोशिश ही कर रहा है. अभी तक तस्वीर साफ नहीं है कि विपक्षी गठबंधन में कौन कौन रहेगा. कारण, भले ही शरद पवार बार-बार कह रहे हैं कि वो बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे, लेकिन उनके साथी दलों में सस्पेंस बना हुआ है. वहीं अब दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के बयान ने सियासी तहलका मचा दिया है.
इसको लेकर कांग्रेस की सफाई भी आई, जिसमें बयान को आधिकारिक नहीं बताया गया है.

अब सवाल उठ रहे हैं क्या मोदी के विजयरथ को रोकने के लिए INDIA गठबंधन के 26 दल 2024 तक साथ रहेंगे? क्या ये दल पुरानी दुश्मनी भूल जाएंगे और अपनी क्षेत्रीय सियासत को दांव पर लगाएंगे? क्योंकि कई पार्टियों का अस्तित्व राज्यों में एक दूसरे की खिलाफत से चलता है और ये सवाल उस वक्त उठ रहा है जब आम आदमी पार्टी की इंडिया में एंट्री को लेकर कांग्रेस में मंथन चल रहा है. दिल्ली कांग्रेस के नेताओं ने जब आला कमान के साथ बैठक की तो अरविंद केरजीवाल की पार्टी से हाथ मिलाने का खुलकर विरोध किया.

दरअसल, दिल्ली कांग्रेस की बैठक के बाद जब दिल्ली कांग्रेस के नेता बाहर आए तो उन्होंने साफ लफ्जों में कह दिया कि कांग्रेस दिल्ली की सातों सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है और बैठक में आम आदमी पार्टी से गठबंधन की कोई बात नहीं हुई है. उधर, जब कांग्रेस नेताओं के ऐसे बयान आए तो आम आदमी पार्टी की ओर से भी कह दिया गया है कि अगर ऐसी बात है तो फिर मुंबई में होने वाली महागठबंधन की बैठक में जाने का कोई मतलब नहीं है. सवाल ये है कि अब आम आदमी पार्टी क्या करेगी. कांग्रेस को मात देकर जो पार्टी अस्तित्व में आई. कांग्रेस के दो मजबूत गढ़ दिल्ली और पंजाब को छीन लिया उस पार्टी के साथ कांग्रेस कैसे सामजस्य बैठाएगी? ये बड़ा सवाल है.

कांग्रेस नेताओं ने दिया था ये बयान

आला कमान के साथ बैठक में दिल्ली कांग्रेस की ओर से दावा किया गया है कि उन्हें बैठक में दिल्ली की सातों सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी के लिए कहा गया है. दरअसल, दिल्ली में कांग्रेस नेतृत्व की एक अहम बैठक हुई. इसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल समेत अन्य वरिष्ठ नेता शामिल थे. बैठक के बाद कांग्रेस नेता अनिल चौधरी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी संगठन को मजबूत करके एकजुट होकर लड़ेगी. हमने आम आदमी पार्टी की या गठबंधन की कोई चर्चा नहीं की. हमने पोल खोल यात्रा से लेकर हर एक कोशिश की है कि अरविंद केजरीवाल सरकार की नीतियों को एक्सपोज करें. शराब घोटाले से लेकर तमाम कार्रवाई हम लोगों की शिकायतों पर हुई है. 2024 में हम चुनाव जीतेंगे और 2025 में अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम नहीं होंगे, हमारी यह पूरी कोशिश रहेगी.

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