आपदा से प्रभावित गांवों के विस्थापन के लिए उत्तराखंड सरकार अब वन भूमि का उपयोग करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारियों को इस तरह का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने का आदेश भी दिया है।
सीएम ने जिलाधिकारियों से यह भी कहा है कि विस्थापित होने वाले गांवों के लिए भूमि बैंक भी बनाया जाए। विस्थापित होने वाले गांवों की सूची भी बनाई जाए। सीएम ने इसके साथ ही आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों को तीन दिन के अंदर-अंदर मुआवजा देने का आदेश भी जारी किया। सीएम ने कहा कि सड़कों को कम से कम समय में खोला जाए। आपदा के कारण जिन लोगों को अन्य स्थानों पर भेजा जा रहा है, उनके रहने और खाने की सही व्यवस्था की जाए।
आपदा प्रभावित गांवों के विस्थापन की भूमि जुटाने का निर्देश सीएम को ऐसे ही नहीं देना पड़ा है। प्रदेश में अभी तक 395 गांव आपदा संवेदनशील माने गए हैं। आपदा प्रबंधन की रिपोर्ट के मुताबिक 54 गांव तो ऐसे हैं जिनके तुरंत विस्थापन की जरूरत है। 26 गांवों के विस्थापन के लिए 26 करोड़ रुपये जारी हुए हैं। इस मामले को लेकर आयुक्त कुमाऊं मंडल की अध्यक्षता में एक समिति भी गठित है।