सीएम खुद निकले बाइक पर प्रचार करने ! देखें धामी का अलग अंदाज….

चंपावत की सड़कों पर CM पुष्कर सिंह धामी मोटर साइकिल पर निकले। लोगों से मिले और आशीर्वाद तथा वोट मांगे। उनके लिए सीट छोड़ने वाले कैलाश गहतौड़ी बाइक पर साथ थे। शुरू से एकतरफा सा दिख रहे चुनाव में कल वोटिंग है। BJP और पुष्कर की कोशिश विजय अंतर अधिक से अधिक रखने की है। काँग्रेस इस फेर में है कि जितने वोट खींच सके, खींच के इज्जत बचाई जाए। किसी तरह मुक़ाबले में आंच और बीजेपी में हल्की सी सिहरन ही सही पैदा कर सके। मंगलवार को शाम तक पुष्कर की कुर्सी पर संवैधानिक मुहर लग जाना तय है।

शांत और छोटे से आधा पहाड़ी-आधा तराई वाले नैसर्गिक सौन्दर्य से लक़दक़ चंपावत की वादियाँ इस बार पहाड़ की ठंडक की बजाए CM के Bye-Election की गर्मी से तापमान बढ़ाए हुए हैं। ये उप चुनाव हर सियासी समीक्षक और अन्य शख्स की निगाहों में पुष्कर की भारी वोट अंतर से विजय की भविष्यवाणी के बीच हो रहा है। खटीमा के आम चुनाव के वक्त जितनी फिक्र और चिंता पुष्कर के चेहरे पर अंतिम क्षणों में दिख रही थी, उससे अधिक बे-फिक्री और आत्मविश्वास चंपावत की सड़कों-गली-मोहल्लों-पहाड़ों और खेतों से गुजरते समय और रोड शो-जनसभाओं के दौरान उनमें दिखाई दे रही है।

आज पुष्कर काली पैंट-Grey टी शर्ट में बाइक पर निकल पड़े तो लोग हैरान और खुश नजर आए। कभी कैलाश उनके पीछे सीट पर बैठे तो कभी कैलाश ने बाइक संभाली। पुष्कर पीछे बैठे। कई मौकों पर ऐसा लगा मानो मुख्यमंत्री अपने Students Politics के दिनों को जीना चाह रहे हों। वह हाथ उठा के हिला के या फिर जोड़ के लोगों का अभिवादन और शुभ कामनाएँ स्वीकार कर रहे थे। मुख्यमंत्री को अपना MLA न चुनना किसी भी क्षेत्र के लोगों के फैसले पर अंगुली उठाता है।

खटीमा ने जो किया, वह चंपावत में नहीं होगा, ये तय है। इसका ट्रेलर रोजाना यहाँ की सड़कों-गाँव-मोहल्लों-बाज़ारों में दिख रहा है। CM पिछली कुछ दिनों से यहीं डेरा डाले हुए हैं। शायद ही कोई शख्स इतना भी मान के राजी दिख रहा है कि काँग्रेस की निर्मला गहतौड़ी जीतना तो दूर, ढंग से टक्कर ही दे पाएगी। ऐसा सोचने वालों में काँग्रेस के भी तमाम सरदार शामिल हैं। वे अनौपचारिक तौर पर बातचीत में इसको स्वीकार करते हैं। पुष्कर इसके बावजूद चुनाव को बेहद गंभीरता से ले रहे। भालू का काटा कंबल से भी सावधान रहता है, वाला सिद्धान्त अपनाया जा रहा है।

खटीमा की शिकस्त की कसक वह भूलने के लिए राजी नहीं हैं। ये बात दीगर है कि BJP और सरकार में ही शामिल कुछ अपने लोगों की दगाबाजी का नतीजा हार के तौर पर मिलने से वह हताश या निराश कहीं नहीं है। BJP अगर मतदान का प्रतिशत बढ़ाने में कामयाब रहती है तो पुष्कर को बेहद फायदा होना तय है। जितना अधिक मतदान उतना अधिक विजय अंतर, ये राय बनी हुई है। 96 हजार वोट यहाँ हैं। 50 हजार पुरुष और बाकी महिलाएं हैं।

इनमें से 50 हजार भी पोलिंग बूथ तक कल पहुँच गए तो काँग्रेस की दिक्कत और बढ़ेगी। मतदान भी सुबह 7 से शाम 7 बजे तक है। वक्त लंबा मिलने से मतदान अधिक होना तय सा दिख रहा है। आम तौर पर उपचुनावों में लोग जोश नहीं दिखाते हैं। इस बार मामला CM से जुड़ा होने के कारण वोट अधिक पड़ेंगे, ये तय है। चुनाव के हालात ऐसे हैं कि सोशल मीडिया से ले के कथित बड़े मीडिया हाउस तक तकरीबन एकतरफा रिपोर्टिंग और पुष्कर की विजय की भविष्यवाणी से हिचक नहीं रहे। काँग्रेस से एक भी बड़े राष्ट्रीय नेता ने चुनाव क्षेत्र की तरफ रुख नहीं किया। UP के CM योगी आदित्यनाथ ने पुष्कर के लिए प्रचार किया।

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