बलरामपुर की 40 कमरों वाली शानदार कोठी में रहने वाला छांगुर बाबा जब यूपी ATS के निशाने पर आया, तो उसकी ज़िंदगी की तस्वीर ही बदल गई। अवैध धर्मांतरण के आरोप में फरार हुए छांगुर बाबा ने अपने आरामदायक ठिकाने छोड़ दिए और नीतू उर्फ नसरीन के साथ लखनऊ के एक छोटे से होटल के कमरे में छिप गया – पूरे 80 दिन तक।16 अप्रैल की शाम वो विकास नगर के होटल स्टार रूम्स पहुंचा, साथ में एक वकील और नीतू थी। होटल रजिस्टर में उसने नीतू को अपनी ‘बेटी’ बताया और दोनों ने बलरामपुर का पता लिखा। ₹1000 प्रतिदिन वाले उस कमरे में न कोई शान-ओ-शौकत थी, न ही कोई दिखावा – सिर्फ डर और बचने की कोशिशें।
होटल स्टाफ के मुताबिक, छांगुर बाबा कमरे से बाहर नहीं निकलता था, सारी जिम्मेदारी नीतू की थी – वही बाहर जाती, खाना मंगवाती, लोगों से मिलती। पहले कमरा नंबर 102 में रुके, फिर बाथरूम की दिक्कत की वजह से 1 जुलाई को 104 नंबर कमरे में शिफ्ट हो गए।लेकिन जैसे ही उसने सोचा कि सब कुछ कंट्रोल में है, 5 जुलाई की सुबह ATS ने होटल पर दबिश दी और दोनों को गिरफ्तार कर लिया।जिस बाबा ने धर्मांतरण जैसे गंभीर मामलों में खुद को भगवान बना रखा था, वो आखिरकार एक छोटे से कमरे की दीवारों में कैद होकर रह गया – और फिर कानून के शिकंजे में आ गया।