महाराणा प्रताप त्याग और स्वाभिमान का प्रतीक ,महाराणा प्रताप ने मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए जीवन भर संघर्ष किया : राजेंद्र सिंह राजपूत
कोरबा/दीपका- वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती के उपलक्ष्य में दीपका मे विशेष कार्यक्रम आयोजन किया गया जिसमें नगर पालिका अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राजपूत की उपस्थित में जनप्रतिनिधियों एवं उपस्थित सभी ने महाराणा प्रताप की छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर पूजा अर्चना एवं माल्यार्पण कर वीर योद्धा के आदर्शों को याद करते हुए सादर नमन किया
राजेंद्र सिंह राजपूत ने कहा कि इतिहास में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की पहचान एक महान योद्धा के तौर पर होती है। महाराणा प्रताप बचपन से ही बहादुर,न्यायप्रिय, कुशल प्रबंधक व संगठनकर्ता थे। उनकी महानता और वीरता की चर्चा देश-विदेश में फैली है उन्होंने कहा कि यदि महाराणा प्रताप एवं अन्य वीरों ने अपनी वीरता से आक्रमणकारियों को देश से न भगाया होता तो इस देश की सभ्यता और संस्कृति ही अलग होती..
ब्लॉक अध्यक्ष दिलीप सिंह एवं वरिष्ठ पार्षद अरुणिश तिवारी ने भी वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जीवनी पर प्रकाश डाला एवं उनके आदर्शो को याद किया
भारत के इतिहास में महाराणा प्रताप एकमात्र ऐसे योद्धा रहे, जिन्होंने कभी किसी मुगल बादशाह के आगे हार नहीं मानी। हल्दीघाटी के युद्ध के बाद तो अकबर इतना डर गया था वह सपने में भी महाराणा प्रताप के नाम से चौंक जाता था और पसीना-पसीना हो जाता था। हल्दीघाटी के युद्ध के बाद, अकबर महाराणा प्रताप को पराजित करने में पूरी तरह से असफल रहा, और उसने अपनी राजधानी भी बदल दी,महाराणा प्रताप की वीरता और दृढ़ता ने अकबर को भी डरा दिया था। हल्दीघाटी के युद्ध में, अकबर की विशाल सेना के बावजूद, महाराणा प्रताप ने हार नहीं मानी और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया. महाराणा प्रताप का भाला 81 किलो का था और उनका कवच 72 किलो का, जो उनकी ताकत और दृढ़ता का प्रमाण था.
इस अवसर मुख्य रूप से वरिष्ठ पार्षद अरुणिश तिवारी,पूर्व पार्षद एवं ब्लॉक अध्यक्ष दिलीप सिंह,संजीव सिंह बाबा ,पार्षद अविनाश सिंह,राधेश्याम सिंह,पार्षद कमलेश जायसवाल ,गजेंद्र सिंह राजपूत, नितेश शर्मा, मृत्युंजय चौबे अन्य सभी मौजूद थे।
एक्सप्रेस न्यूज भारत कोरबा छत्तीसगढ़ से संवादाता सुनील दास की रिपोर्ट।