हल्द्वानी में फिलहाल बुलडोजर पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक! 5000 परिवारों को बड़ी राहत! SC बोला….

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के हल्द्वानी में करीब 50 हजार लोगों को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस आदेश पर स्टे लगा दिया है, जिसमें रेलवे को सात दिन में अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 7 दिन में अतिक्रमण हटाने और बुलडोजर चलाने का फैसला सही नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के हल्द्वानी में करीब 50 हजार लोगों को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस आदेश पर स्टे लगा दिया है, जिसमें रेलवे को सात दिन में अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 7 दिन में अतिक्रमण हटाने का फैसला सही नहीं है. सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय कौल ने कहा कि इस मामले को मानवीय नजरिए से देखना चाहिए. जस्टिस कौल ने कहा कि मामले में समाधान की जरूरत है.

आरोप है कि हल्द्वानी में करीब 4400 हजार परिवार रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण करके रहते हैं. इस मामले में हाईकोर्ट ने दिसंबर 2022 में रेलवे को अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था. इस आदेश के बाद इन घरो में रहने वाले करीब 50 हजार लोगों के आशियाने पर बुलडोजर चलने का खतरा मंडरा रहा था, लेकिन अब अगली सुनवाई तक इन लोगों को राहत मिल गई है.

7 फरवरी को अगली सुनवाई
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी. कोर्ट ने नोटिस जारी कर सरकार, रेलवे समेत सभी पक्षों को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है.

दरअसल, उत्तराखंड हाई कोर्ट ने 20 दिसंबर को रेलवे को निर्देश दिया कि एक हफ्ते का नोटिस देकर भूमि से अवैध अतिक्रमणकारियों को तत्काल हटाया जाए. प्रशासन नोटिस भेजने की तैयारी में जुटा है. इसी बीच अनधिकृत कॉलोनियों को हटाने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है. इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ कांग्रेस विधायक सुमित ह्रदयेश की अगुवाई में वहां के रहने वाले लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसके बाद प्रशांत भूषण ने भी एक याचिका दाखिल की है. सुप्रीम कोर्ट सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करेगा.

4,365 अतिक्रमण हटाए जाएंगे- अधिकारी

नैनीताल जिले के अधिकारियों के मुताबिक, क्षेत्र से कुल 4,365 अतिक्रमण हटाए जाएंगे. रेलवे की ओर से 2.2 किलोमीटर लंबी पट्टी पर बने मकानों और अन्य ढांचों को गिराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. सूत्रों के मुताबिक जिस जगह से अतिक्रमण हटाया जाना है, वहां करीब 20 मस्जिदें, 9 मंदिर और स्कूल हैं.

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