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खंडवा की निर्भया: दरिंदगी की हदें पार, इंसानियत शर्मसार”

खंडवा, मध्य प्रदेश:

जिले में 45 वर्षीय एक आदिवासी महिला के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। पुलिस की पूछताछ के दौरान आरोपियों में से एक ने जो जानकारी दी, वह बेहद भयावह और झकझोर देने वाली है।

पुलिस द्वारा पकड़े गए दो आरोपियों में से एक ने बताया कि उसने महिला के शरीर के निजी हिस्से में हाथ डाल दिया, जिससे उसे गंभीर आंतरिक चोटें आईं और उसकी आंतें बाहर आ गईं। अत्यधिक रक्तस्राव के चलते महिला की मौके पर ही मौत हो गई।

खरगोन रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा और कलवा थाना प्रभारी जगदीश सिंधिया ने बताया कि घटनास्थल पर किसी भी तरह की रॉड या कठोर वस्तु नहीं मिली है। प्रारंभिक निष्कर्षों के अनुसार, महिला की मृत्यु अधिक खून बहने से हुई।

जांच टीम घटनास्थल से खून से सना हुआ बिस्तर (बेड रोल) बरामद करने के लिए आरोपियों की रिमांड की मांग कर रही है। पुलिस सभी सबूतों की वीडियो रिकॉर्डिंग भी कर रही है, जबकि पोस्टमार्टम की प्राथमिक रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है।

आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 66 (मौत का कारण बनना), धारा 70(1) (सामूहिक बलात्कार), और धारा 103(1) (हत्या की सज़ा) के तहत केस दर्ज किया गया है।

यह घटना शुक्रवार की रात को रोशनी पुलिस चौकी क्षेत्र में घटित हुई, जो जिला मुख्यालय से लगभग 90 किलोमीटर दूर है। पीड़िता और आरोपी दोनों कोरकू जनजाति से हैं।

इस हृदयविदारक मामले ने 2012 के दिल्ली निर्भया कांड की याद ताज़ा कर दी है। कांग्रेस पार्टी ने इसे मानवता को शर्मसार करने वाली घटना बताते हुए सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया है। पूर्व सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मीनाक्षी नटराजन ने इसे “आदिवासी निर्भया” कहते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और इस जघन्य अपराध पर सरकार की निष्क्रियता की आलोचना की।

यदि आप चाहें तो इस टेक्स्ट का छोटा संस्करण, सोशल मीडिया पोस्ट, या न्यूज़ रिपोर्ट का इंट्रो भी बना सकता हूँ।

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