पूर्व वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने सपा छोड़ दी है। सपा की सदस्यता के साथ उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। वह घोसी (मऊ) से सपा के टिकट पर एमएलए चुने गए थे। भाजपा में शामिल होने के मुद्दे पर बातचीत फाइनल होने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया। हालांकि, इसकी आधिकारिक घोषणा अभी तक भाजपा या दारा सिंह चौहान की ओर से नहीं की गई है। लेकिन इस बीच एएनआई ने दारा सिंह और गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात की एक तस्वीर जारी की है।
दारा सिंह चौहान ने रविवार को अपना इस्तीफा ई-मेल के माध्यम से विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को भेजा। उन्होंने फोन से भी महाना से बात की। शनिवार व रविवार को अवकाश की वजह से माना जा रहा है कि उनका इस्तीफा सोमवार को स्वीकार कर लिया जाएगा। दारा सिंह चौहान योगी-1 सरकार में वन मंत्री थे और पिछले साल विधानसभा चुनाव के ठीक पहले वह सपा में शामिल हुए थे। तब उनके शामिल होने को सपा ने बड़ी सफलता के रूप में प्रचारित किया था। पिछड़ा वर्ग समाज (नोनिया जाति) से आने वाले दारा सिंह चौहान मऊ और आजमगढ़ में अपने सजातीय समाज में खासा दखल रखते हैं। लोकसभा चुनाव से पहले उनका पार्टी छोड़ना सपा के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है
दारा सिंह ने राजनीति की शुरुआत बसपा से की थी। वह साल 1996 व 2000 में राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं। इसके अलावा वह 2009 में बसपा के टिकट पर घोसी से लोकसभा चुनाव जीते। फरवरी 2015 में उन्होंने दिल्ली में भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह के सामने पार्टी की सदस्यता ली। वर्ष 2017 में वह मधुबन से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़कर विधायक बने। वर्ष 2022 में सपा के टिकट पर घोसी से विधायक जरूर चुने गए, लेकिन चुनाव के बाद सपा से उनके रिश्ते सहज नहीं रहे।
इधर, काफी समय से उनके भाजपा में जाने की चर्चा चल रही थी। दारा सिंह चौहान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नजदीकी माने जाते हैं। वर्ष 2020 में बिहार के विधानसभा चुनाव से पहले अमित शाह के साथ उन्होंने वहां कई दिन चुनाव प्रचार भी किया था। सूत्रों के मुताबिक, इस बार भी दारा सिंह के भाजपा में ज्वाइनिंग की पूरी पटकथा दिल्ली में ही लिखी गई। सिर्फ इसकी घोषणा भर बाकी रह गई है। माना जा रहा है कि भाजपा के टिकट पर वह फिर से घोसी से चुनाव लड़ सकते हैं।